
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई-ईडी दोनों मामलों में दी जमानत
Manish sisodia got bail : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में जमानत दे दी। सिसोदिया को 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा। वह 17 महीने तक तिहाड़ जेल में रहे। उसके आज जेल से बाहर आने की संभावना है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले में अब तक 400 से अधिक गवाह और हजारों दस्तावेज पेश किए जा चुके हैं। आने वाले दिनों में मामले के खत्म होने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में सिसोदिया को हिरासत में रखना उनके स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा।
उन्होंने कहा, ‘उच्च न्यायालय और निचली अदालत जमानत के मामले में सुरक्षित रूप से खेल रहे हैं. सजा के तौर पर जमानत से इनकार नहीं किया जा सकता। अदालतों के लिए यह समझने का समय आ गया है कि जमानत नियम है और जेल अपवाद है।
सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को तीन शर्तों पर जमानत दी। पहला यह कि उन्हें 10 लाख रुपये का बॉन्ड भरना होगा। इसके अलावा उन्हें दो बेल पेश करनी होगी। जबकि तीसरी शर्त यह है कि वह अपना पासपोर्ट सरेंडर करेगा।
सीबीआई-ईडी मामले में सिसोदिया को मिली जमानत सीबीआई ने सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 मार्च को फिर से गिरफ्तार कर लिया। सिसोदिया को सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में जमानत मिल चुकी है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथ की पीठ ने सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुनाया। पीठ ने तीन दिन पहले छह अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले 11 जुलाई को न्यायमूर्ति संजय कुमार ने सिसोदिया की जमानत समीक्षा याचिका पर सुनवाई करने से पहले खुद को पीठ से अलग कर लिया था, जिसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी गई थी।
सिसोदिया ने जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा कि अक्टूबर 2023 से उनके खिलाफ मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है।
सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘यह सच्चाई की जीत है। जैसा कि मैंने पहले कहा, इस मामले में कोई सबूत नहीं है। हमारे नेताओं को जबरन जेल में डाल दिया गया।
उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया को 17 महीने तक जेल में रखा गया। मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देता हूं कि हमें न्याय मिला और फैसला आप के पक्ष में आया। हर कार्यकर्ता उत्साहित है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन भी जल्द जेल से बाहर आएं। यह केंद्र सरकार की तानाशाही पर तमाचा है।
निचली अदालत ने 30 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिका फिर खारिज कर दी थी। सिसोदिया ने फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया। उच्च न्यायालय ने 21 मई को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
उच्चतम न्यायालय ने चार जून को सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सिसोदिया ने याचिका दायर कर मामले पर पुनर्विचार की मांग की।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ 11 जुलाई को मामले की सुनवाई करने वाली थी। मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते ही न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ”हमारे भाई (न्यायमूर्ति संजय कुमार) को कुछ समस्या है। वे निजी कारणों से मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते हैं। जस्टिस संजय कुमार ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया।
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