CG Breaking News Hindi: छत्तीसगढ़ के पखांजूर में सिस्टम की लापरवाही का नतीजा ग्रामीण भुगत रहे है और वो अपना जीवन बचाने की जद्दोजहद करते हुए पलायन करने को मजबूर है.
डेम की दीवार हुई क्रेक
पखांजूर क्षेत्र के PV133 अवधपुर में स्थित जलाशय के बाँध में दरार पड़ चुकी हैं और जलाशय से बड़ी तेजी से पानी निकल रहा हैं जिससे अब बाँध के टूटने का खतरा मंडरा रहा हैं,इस जलाशय में 3 साल पहले से दरार पड़ चुकी थी जिसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा लगातार सिंचाई विभाग सहित प्रशासन को दी जा रही थी , ग्रामीणों ने जनदर्शन में भी इस खतरे को लेकर आवेदन दिया था पर हर बार रिपेयरिंग के नाम पर विभाग द्वारा बस लीपापोती ही किया गया जिसका खामियाजा अब ग्रामीणों को उठाना पड़ सकता हैं
Read More- Mandeep Singh Tripura:पंजाब के बड़े बल्लेबाज ने छोड़ा टीम का साथ, इस टीम से जोड़ा नाता
बारिश से बढ़ा बांध का जलस्तर
पिछले कई दिनों से क्षेत्र में लगातार हो रहे बारिश के चलते जलाशय का जलस्तर बड़ गया और दरार पर दवाब बढ़ते ही विभाग द्वारा रिपेयरिंग के नाम पर किये गए लीपापोती बीते रात को ढह गयी और जैसे ही ग्रामीणों को इसकी जानकारी लगी तो ग्रामीणों में डर का माहौल बन गया और ग्रामीण बड़ी संख्या में बांध पर पहुंचने लगे और अपने घरों में रखें अनाज और ज़रुरी सामानो को ट्रैक्टर में भरकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे
Read More- MP Latest News: मध्य प्रदेश में दुकान के सामने दुकानदार का नाम लिखने की मांग
CG Breaking News Hindi: अधिकारियों ने लिया बांध का जायजा
विभाग को जानकारी लगते ही सिंचाई विभाग के एसडीओ और इंजीनियर मौके पर पहुंचे , फिलहाल ग्रामीण और विभाग द्वारा दरार को भरने की कोशिश की जा रही है,दरार का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है ऐसे में यदि जल्द से जल्द दरार को नहीं भरा गया तो बांध कभी भी टूट सकता है जिससे कई गाँव डूब सकते हैं और किसानो के फसल और जान माल का बहूत बड़ा नुकसान हो सकता है,यदि समय रहते ग्रामीणों की विभाग सुन लेता और दरार को भरने के लिए उच्च गुणवत्ता के साथ रिपेयरिंग करवाता तो आज कई लोगों की जिंदगी खतरे में ना होती.
CG Breaking News Hindi: 1986 में बना था डेम
यहाँ जलाशय सन 1986 में केंद्र सरकार द्वारा लगभग 2 करोड़ लागत से बनना शुरू हुआ जिसके बाद केंद्र सरकार ने राज्य सरकार हेंडवार दिया 1986 से 2011 तक जलाशय कंप्लीट हुआ,2 मिलियन KB लीटर 37 हैक्टेयर में बना यहाँ जलाशय 7 गांव के किसान 1000 एकड़ में सिंचाई किया जाता है.
