Bhopal Janmastami: देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी मनाई जा रही है। योगेश्वर श्रीकृष्ण के मंदिरों को देशभर में सजाया गया, इस दौरान अपने प्रभु के दर्शन करने के लिए भक्तो का सैलाब मंदिर पहुंचा।
भक्त या सोशल मीडिया के दीवाने
भक्ति के इस उत्सव में सोशल मीडिया के दीवाने भी दिखे जो प्रभु से ज्यादा खुद में ही मगन थे. स्टेटस के लिए मंदिर में सेल्फी की होड़ ने कहीं न कहीं दूसरे भक्तों को परेशान किया. जो लोग द्वारिकाधीश के दर्शन की आस में उपवास रखकर मंदिर पहुंचे उनको सोशल दीवानों ने दर्शन तक नहीं करने दिए.
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बिरला मंदिर बना सेल्फी पॉइंट
ऐसा लग रहा था कि मानों प्रभु के सबसे बड़े भक्त यहीं हैं और इनके स्टेटस देखने से भी आपको यही भ्रम हो सकता है. पर क्या सच में ये भक्ति में डूबकर ही पहुंचे थे. या दिखावा इनको खींचकर मंदिर लाया. भोपाल के बिरला मंदिर बना सेल्फी पॉइंट.

इसी बीच कुछ ऐसे वाकए भी सामने आए जिनमें पुलिस और प्रशासन की लापरवाही दिख रही थी। भोपाल के प्रसिद्ध बिरला मंदिर में भी भगवान का जन्मदिन मनाया गया। भक्त भगवान के दर्शन करने आए, यहां भी इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर स्टेटस डालने के लिए लोगों ने मंदिर को सेल्फी पॉइंट बना दिया। लोगों को देख के ऐसा लग रहा था जैसे भगवान तो बस उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए ही हैं।
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Bhopal Janmastami: हुड़दंग की बदमाशी
अब बात करते हैं उन लोगो की जो हुड़दंग मचाने त्योहारों पर मंदिरों में आते है। 10 से 15 लड़कों के झुंड कान्हा जी के ठीक सामने खड़े हो गए और जोर जोर से जयकारे लगाने लगे, ये उनकी भक्ती कम मस्ती ज्यादा लग रही थी।
हुड़दंग में लड़कियों को सबसे ज्यादा दिक्कत
आस पास के लोगों को धक्का देती ये नौजवानों की भीड़ वहां मौजूद सैकड़ों लोगों को शायद ये बताने की कोशिश कर रही थी की हम ज्यादा बड़े भक्त है, लेकिन शायद वे ये भूल गए की उनके इस हुड़दंग में कई लोगों को भगवान के दर्शन नहीं हो पाए. मंदिर में हो रहे हुड़दंग में लड़कियों को सबसे ज्यादा दिक्कत हुई. एक दूसरे को धक्का देती भीड़ को न बच्चे दिख रहे थे और न बुजुर्ग।
अब बात पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी की
जन्माष्टमी पर लोगों की भीड़ को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी, पूरी व्यवस्था और सुरक्षा शासन प्रशासन को पहले से ही तय करनी होती है। लेकिन मंदिरों में हुड़दंग कर रहे उत्पातियों को पुलिस देखती रही, ना किसी को रोका और न टोका, और तो और कुछ पुलिस वाले भी स्टेटस के दीवाने निकले है। वे व्यवस्था छोड़ सेल्फी और फोटो खींचने में लगे रहे।
रामनवमी – जन्माष्टमी जैसे मौकों पर मंदिरों में बिगड़ती व्यवस्था पर समाज और सरकार दोनों को सोचना होगा. नहीं तो शांति और ईश्वर का अहसास कराने वाले ये पूजा स्थल सेल्फी जोन बन जाएंगे.
