ayodhya nsg hub safety increased: यूपी में बनेगा पहला NSG हब
ayodhya nsg hub safety increased : अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर योगी सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। यहां पर एनएसजी का स्थायी कैंप बनने जा रहा है, जिससे सुरक्षा इंतजामों में और भी मजबूती आएगी।
अयोध्या राम मंदिर पर हुआ था फिदायीन हमला
आज से 20 साल पहले, 5 जुलाई 2005 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें पांच आतंकवादी मारे गए थे। आतंकियों ने इस हमले के दौरान भगवान रामलला के टेंट को निशाना बनाने के लिए रॉकेट लॉन्चर और ग्रेनेड का इस्तेमाल करने की योजना बनाई थी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों की तत्परता के कारण यह साजिश नाकाम हो गई। आज इस घटना की 20वीं बरसी मनाई जा रही है।
इन 20 वर्षों में अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं और अब एक और नया कदम उठाते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के छावनी क्षेत्र में नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) का स्थायी कैंप बनाने का फैसला लिया है। यह कदम अयोध्या की सुरक्षा को और भी सख्त करने के लिए उठाया गया है।
अयोध्या में बनेगा पहला NSG हब
योगी सरकार ने केंद्र सरकार को अयोध्या में 8 एकड़ जमीन पर NSG हब स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। यह यूपी का पहला और देश का छठा NSG हब होगा। देश में मौजूदा समय में एनएसजी की यूनिट केवल मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और गांधीनगर में ही स्थित हैं। इस नए हब की स्थापना से अयोध्या में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए और भी मजबूत सुरक्षा तंत्र तैयार होगा।
इस प्रस्ताव को जिला अधिकारी के माध्यम से भेजा गया था, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी। इसके तहत अयोध्या की सुरक्षा को अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों और सैन्य बलों के साथ सुसज्जित किया जाएगा।
सुरक्षा इंतजामों में आ रही है और भी मजबूती
अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद से ही सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राम मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है और मंदिर परिसर को लेकर कई बार आतंकी संगठन धमकियां दे चुके हैं। इन धमकियों के बाद, सरकार ने सुरक्षा उपायों को और सख्त किया है। अयोध्या के प्रत्येक प्रवेश द्वार से लेकर राम मंदिर तक 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती भी बढ़ाई गई है।
सुरक्षा अधिकारी बताते हैं कि इन कैमरों की निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जहां 50 से अधिक विशेषज्ञ पूरे दिन और रात निगरानी करते हैं। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रिपोर्ट किया जाता है और आवश्यक कार्रवाई की जाती है।
फेस स्कैनिंग से होगी एंट्री
राम मंदिर में प्रवेश करने से पहले श्रद्धालुओं को अब फेस स्कैनिंग मशीन से गुजरना होगा। यह व्यवस्था सुरक्षा में और भी सख्ती लाएगी। फेस स्कैनिंग कैमरे परिसर में 5 जगहों पर लगाए गए हैं, ताकि सुरक्षा की खामी से बचा जा सके। जिन लोगों की फेस रीडिंग से उनकी पहचान मेल नहीं खाती, उन्हें परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस तरह की व्यवस्था से सुरक्षा में और अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता आ रही है।
पिछले हमले की यादें
5 जुलाई 2005 को अयोध्या में एक बड़े आतंकी हमले का प्रयास किया गया था। उस दिन मंदिर के टेंट में भक्तों की भारी भीड़ थी। इसी दौरान, आतंकियों ने मार्शल जीप से मंदिर के गेट तक पहुंचने का प्रयास किया और जोरदार धमाका किया। धमाके से बैरिकेडिंग टूट गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। आतंकी परिसर में दाखिल हुए और गोलियां चलाने लगे।
इनमें से दो आतंकवादियों का उद्देश्य सिर्फ रामलला के टेंट को उड़ाना था, जबकि तीन अन्य का लक्ष्य सीता रसोई की इमारत में घुसने का था। सीता रसोई एक ऊंची इमारत थी, जिससे पूरा मंदिर परिसर दिखाई देता था। लेकिन सुरक्षाकर्मियों के तुरंत एक्शन और गोलीबारी में सभी आतंकवादी मारे गए। इस घटना में रमेश चंद्र पांडेय नामक एक व्यक्ति भी शहीद हो गए, जो उस समय बैरियर के पास खड़े थे।
अयोध्या की सुरक्षा के बढ़ते कदम
अयोध्या की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अब पूरी तरह अलर्ट है। श्रीराम जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्रों में अब अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि हर तरह के खतरे से निपटा जा सके। अयोध्या को अब और भी सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु बिना किसी डर के दर्शन कर सकें।
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