ट्रम्प के ऑपरेशन के खिलाफ नेशनल गार्ड्स से भिड़ंत

ट्रम्प के ‘मिडवे ब्लिट्ज’ ऑपरेशन के खिलाफ भड़के लोग
शिकागो ट्रम्प ऑपरेशन बवाल: “हमारे शहर को सैनिकों से मत चलाओ!” — ये आवाज़ रविवार को शिकागो की सड़कों पर गूंज रही थी।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ‘ऑपरेशन मिडवे ब्लिट्ज’ के तहत अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के फैसले के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। और जैसे-जैसे रात गहराती गई, शिकागो हिंसा और गिरफ़्तारियों का गवाह बन गया।
शिकागो ट्रम्प ऑपरेशन बवाल: 300 नेशनल गार्ड्स तैनात- प्रदर्शनकारियों से भिड़ंत
रविवार सुबह ट्रम्प प्रशासन ने शिकागो में 300 नेशनल गार्ड्स तैनात किए। इसका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और गार्ड्स के बीच झड़पें शुरू हो गईं। रबर की गोलियां, पेपर स्प्रे, और केमिकल एजेंट का इस्तेमाल हुआ। अब तक 1000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

शिकागो ट्रम्प ऑपरेशन बवाल: ऑपरेशन मिडवे ब्लिट्ज क्या है?
सितंबर 2025 में लॉन्च किया गया यह ऑपरेशन अमेरिका में अवैध अप्रवासियों और आपराधिक तत्वों के खिलाफ है। इसका ट्रिगर बना केटी अब्राहम केस — एक 16 वर्षीय लड़की की मौत, जिसे एक अवैध अप्रवासी ने नशे में गाड़ी से कुचल दिया। ट्रम्प ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा” से जोड़ा है, जबकि विरोधियों का कहना है — यह मानवाधिकारों का हनन है।
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शिकागो ट्रम्प ऑपरेशन बवाल: शिकागो में क्या हुआ?
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ब्राइटन पार्क में एक महिला ने ICE की गाड़ियों पर हमला किया, गोली लगने से घायल हुई।
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प्रदर्शनकारियों ने मेक्सिको के झंडे लहराए, “No Human is Illegal” जैसे नारे लगे।
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पुलिस के अनुसार, कई प्रदर्शनकारी हथियारबंद थे, गाड़ियों में तोड़फोड़ भी हुई।
शिकागो ट्रम्प ऑपरेशन बवाल: गवर्नर बोले, ट्रम्प ने धमकी दी थी!
इलिनॉय के गवर्नर जेबी प्रिट्जकर ने बड़ा खुलासा किया ट्रम्प ने मुझे कहा कि अगर मैं सैनिक नहीं भेजूंगा, तो वो खुद भेज देंगे। यह धमकी है। प्रिट्जकर का कहना है कि राज्य की पुलिस हालात संभाल रही है। वे इसे पॉसी कोमिटेटस एक्ट का उल्लंघन मानते हैं, जो राष्ट्रपति को घरेलू कार्रवाई के लिए सेना भेजने से रोकता है। अटॉर्नी जनरल क्वामे राउल ने कहा — हम अदालत जाएंगे।

पोर्टलैंड में ट्रम्प को झटका
ओरेगन की फेडरल कोर्ट ने पोर्टलैंड में 200 नेशनल गार्ड्स की तैनाती पर रोक लगाई। कोर्ट ने कहा — ट्रम्प का “युद्ध जैसे हालात” का दावा झूठा है। यह फैसला संविधान और राज्यों की संप्रभुता की जीत माना जा रहा है। क्या यह ऑपरेशन राजनीतिक स्टंट है या सुरक्षा की जरूरत? क्या अमेरिका की सड़कों पर सैनिक भेजना तानाशाही की ओर बढ़ता कदम है? क्या केटी अब्राहम की दुखद मौत की आड़ में पूरे अप्रवासी समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है?
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