Sanyasi Kaise Bane: क्या हैं सन्यासी क्या आप जानते हैं जिसकी खुद की इच्छा और ख़्वाहिश खत्म हो जाए जो दुनिया में रहकर भी दुनिया की सारी सुख सुविधा से दूर रहे वो हैं सन्यासी! सन्यासी हैं अघोरी हैं तपस्वी, न वो बाबा जो बैठे हैं और लाखों की भीड़ को अपने पास बुलाते हैं, सन्यासी हैं वो जो दूसरे की रोटी पर निर्भर है. जो भिक्षा मांग कर खाए, न की नौकर लगे हों बनाने को!
लोग घंटों तक किसी वीआईपीपंडाल में बैठे रहते हैं, और बार बार उसी कथा को सुनते हैं. जो कई वर्षों से सुनते आ रहे हैं, भगवान की ये कथाएं उनके घर में भी मिल जाएगी, उन धर्मिक पुस्तकों को कभी घर पर ही उलट कर देख लिया होता तो इन लोगों के कई दिन बच जाते. सनातन धर्म में तो पुस्तकों को ही गुरू माना गया है, यदि धर्म में इतनी ही आस्था है तो समय बचाकर घर पर ही अध्ययन करें. तो न केवल शोर शराबे से बचेंगे साथ ही ज्यादा ज्ञान अर्जित भी होगा.
भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने यह कहा
श्रीमद भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म को ही पूजा बताया है. कर्म से ही ईश्वर की प्राप्ति हो जाती है उसके लिए किसी कथा-प्रवचन या बाबा चमत्कार के पीछे भागने की जरूरत नहीं है.
अपने कर्म में लिप्त हो जाओगे तो पूरे संसार की हर वस्तु सहज ही प्राप्त हो जाएगी. श्रीहरि के अवतारों को भी अपने जीवन में कर्म करना पड़े हैं, जब भगवान कर्म बंधन से मुक्त नहीं हैं तो आम आदमी को कैसे किसी बाबा का चमत्कार कर्म से कैसे बचा सकता है.अगर ऐसा होता तो बिना युद्ध लड़े ही अर्जुन की जीत होती, उनको रणभूमि में जाने और युद्ध करने की जरूरत नहीं होती. श्रीमद भागवत गीता हो या शिव पुराण जैसे अद्वितीय पुस्तकें इनको ही गुरू बना लो और घर लाकर रोजाना पढ़ो इससे इतना ज्ञान प्राप्त होगा जो कई सालों तक कथा प्रवचन सुनने से भी नहीं होगा.
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Sanyasi Kaise Bane: इस तरह होंगे भगवान खुश
भारी भीड़ में परेशान होकर और अपना कीमती समय वह व्यर्थ कर क्या मिला है आज तक जो आगे मिलेगा. अगर ईश्वर पर विश्वास है तो भोलेनाथ को जल चढ़ाओ या एक गिलास दूध किसी गरीब को या किसी बेजूबान को पीला दो बस भगवान तो इतने से ही खुश हो जाएंगे ..देवाधिदेव महादेव के गणों में तो सृष्टि के हर जीव जन्तु है, श्री कृष्ण को गाय से प्रेम हैं तो बाबाओं के चक्कर लगाना छोड़ गाय की सेवा ही शुरू कर दी तो वो प्राप्त होगा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती.
घर से बाहर निकलो तो मेहनत करने के लिए और महिलाएं अपने परिवार का पालन पोषण करें तो शायद आपको इन जगह जाने की जरूरत न पड़े. फिर भी यदि आपको किसी के प्रवचन सुनना अच्छा लगता है तो टीवी पर सुने, मोबाइल में देखें. हमारा जीवन बहुत छोटा है, इतने कम समय में से भी अगर घंटों तक किसी और बाबा बैरागी के लिए खर्च कर दिए तो जीवन के कीमती पलों का नुकसान कर दिया. उससे अच्छा तो किसी मंदिर में जाकर कुछ देर बैठकर भगवान से बात कर लें.
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प्रभु का नाम स्मरण करें
अगर आपको जीवन में धर्म और आध्यात्म की जगह बनानी है तो केवल प्रभु का नाम स्मरण कर लें वो सबसे अच्छा होगा. कलयुग केवल नाम आधारा, कलयुग में केवल भगवान का नाम ही चमत्कारी है, इसलिए और कुछ करने की आवश्यकता ही नहीं है.
किसी और के बारे में न बुरा सोचे और न किसी का बुरा करें तो आपको किसी उपाय पूजा की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.यह सही है कि जीवन में गुरु की जरूरत हमेशा पड़ती हैं तो गुरु ऐसा चुने जो मार्गदर्शन कर सके, जीवन में मेहनत करने को कहे न की घंटों तक उस पंडाल में बैठने की बोले. अगर आपको कोई मानव गुरू के रूप में ठीक नहीं लगता तो भगवान को ही गुरू बना लो. जब आपकी आस्था गुरू की तरह प्रभु में हो जाएगी तो वह भी गुरू की तरह ही आपको जीवन की दिशा दिखा देंगे.
