इंदौर के युवक ने ताम्र पत्र में PM मोदी को लिखा
Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. जिसमें उसने मातुश्री अहिल्या बाई होलकर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की है. जानकारी के मुताबिक, लोकेश मंगल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ताम्र पत्र और ईमेल के माध्यम से ‘भारत रत्न’ की मांग की है.
ताम्र पत्र में लिखा
“अहिल्या बाई होलकर का समाज के प्रति समर्पण और उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों को देखते हुए, उन्हें इस सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाना चाहिए. इस अपील से इंदौर के लोगों में नई उम्मीदें जाग उठी हैं कि उनकी ऐतिहासिक शासक को उचित सम्मान मिले.
Indore News: कौन थी अहिल्याबाई होलकर
1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर में चांऊडी गांव में अहिल्या का जन्म हुआ था। वह अपने गांव के सम्मानित मान्कोजी शिंदे की सुपुत्री थीं। वह किसी राजघराने से संबंध नहीं रखती थीं लेकिन एक दिन उनके हाथों में राज्य की सत्ता आ गई। एक साधारण से परिवार की लड़की असाधारण दायित्वों का निर्वहन करने लगी।
Read More- Financial Freedom : 9 आदतें जो दे सकती हैं आपको वित्तीय स्वतंत्रता
Indore News: खंडेराव होलकर से हुई शादी
मल्हार राव होलकर के इकलौते बेटे खंडेराव अहिल्या की शादी शादी के बाद खंडेराव सत्ता संभालने लगे। इस दौरान अचानक हुए एक युद्ध में खंडेराव होलकर वीरगति को प्राप्त हो गए। वह तो सती प्रथा को अपनाते हुए पति संग अपने प्राण त्याग देना चाहती थीं। लेकिन मल्हार राव होलकर को अहिल्या की काबिलियत पर भरोसा था कि वह उनके बेटे का कार्यभार संभाल सकती है।उन्होंने अहिल्या को अपने पुत्र की तरह पाला और अहिल्या भी राज्य के कामकाज में मल्हार राव का हाथ बंटाने लगीं।
Read More- MP CM NEWS: राजस्व महाअभियान 2.0, सीएम मोहन यादव ने दी बधाई
बेटे की मौत के बाद संभाला राजकाज
हालांकि उनका जीवन बहुत संघर्ष पूर्ण था। पहले ससुर और फिर 22 वर्ष की आयु में बेटे मालेराव को खो दिया। बेटे के साथ राज्य का पतन न हो जाए इसलिए राजकाज को खुद ही संभालने लगीं। हालांकि कोई पुरुष राजा न होने के कारण राज्य के एक कर्मचारी ने दूसरे राज्य के राजा राघोबा को पत्र लिखकर होल्कर पर कब्जा करने का न्योता दे दिया।
राजगद्दी संभालते हुए महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने आसपास के राज्यों में यह सूचना पहुंचा दी। उनके सेनापति और पेशवा बाजीराव ने उनकी सहायता की। अहिल्याबाई ने राज्य को मजबूत करने के लिए अपने नेतृत्व में महिला सेना की स्थापना की। अहिल्याबाई ने स्त्रियों को उनका उचित स्थान दिया। अहिल्या ने लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई को विस्तार देने का प्रयास किया। दीन-दुखियों की मदद के लिए कार्य किए। 1795 में जब उनका निधन हुआ तो उनके सेनापति तुकोजी ने इंदौर की गद्दी संभाली।
