
भोगपुर में देर रात छापेमारी
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को अवैध खनन की सूचना मिलते ही उन्होंने तत्काल जिला खान अधिकारी को टीम के साथ भोगपुर क्षेत्र में भेजा। देर रात हुई इस छापेमारी में खनन विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक पोकलैंड, एक जेसीबी, दो बड़े डंपर और दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को सीज किया। कार्रवाई के दौरान अवैध खनन में शामिल लोग मौके से भाग गए, लेकिन जब्त किए गए वाहनों ने माफियाओं की कमर तोड़ दी। यह छापेमारी हरिद्वार में अवैध खनन के खिलाफ अब तक की सबसे प्रभावी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है।

Illegal Mining Haridwar: खनन विभाग पर सवाल
पहले हरिद्वार में खनन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठते थे। अवैध खनन विभाग की नाक के नीचे फलता-फूलता रहा, लेकिन कार्रवाई नाममात्र की होती थी। भोगपुर, बिशनपुर, श्यामपुर जैसे क्षेत्रों में खनन माफिया बेरोकटोक सक्रिय थे। मयूर दीक्षित के जिलाधिकारी बनने के बाद स्थिति बदली। उनकी सख्ती और सक्रियता ने विभाग को एक्शन मोड में ला दिया। इस छापेमारी ने साबित कर दिया कि अब अवैध खनन पर नजर रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। डीएम ने स्पष्ट किया कि सरकार को राजस्व का नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
माफियाओं के लिए सख्त संदेश
डीएम मयूर दीक्षित ने इस कार्रवाई के जरिए माफियाओं को कड़ा संदेश दिया है कि अवैध खनन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। भोगपुर की इस छापेमारी को पूरे सिस्टम को झकझोरने वाला कदम माना जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि हरिद्वार में अब बिना अनुमति के एक मुट्ठी मिट्टी भी नहीं हटेगी। यह कार्रवाई न केवल माफियाओं के लिए चेतावनी है, बल्कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस को भी सतर्क रहने का निर्देश देती है। भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों को और तेज करने की योजना है, ताकि गंगा के किनारे अवैध खनन पूरी तरह बंद हो सके।
देवम मेहता की रिपोर्ट