SEBI bans Jane Street India: शेयर बाजार में गुणा-भाग कर अवैध कमाई की
SEBI bans Jane Street India: भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर बड़ा हलचल मची है। SEBI (सेक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप और उसकी तीन सहायक कंपनियों पर बैन लगाते हुए ₹4,843.57 करोड़ की अवैध कमाई जब्त करने का आदेश जारी किया है। जांच के मुताबिक, इंडेक्स एक्सपायरी के दिन बाजार को चढ़ा-गिराकर भारी लाभ कमाया गया, जिससे आम रिटेल निवेशकों को बड़ा आर्थिक नुक़सान उठाना पड़ा।
जेन स्ट्रीट क्या है?
जेन स्ट्रीट एक अमेरिकी क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग फर्म है, जो अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और गणितीय मॉडल का प्रयोग करके बैंक निफ्टी और निफ्टी‑50 जैसे इंडेक्स ऑप्शंस व फ्यूचर्स में बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग करती है। भारत में उसकी इकाइयां—JSI2 इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड—भी इसी गतिविधि में शामिल थीं।
SEBI के आरोप: क्या किया गया मैनिपुलेशन?
SEBI के अनुसार, इन कंपनियों ने इंडेक्स एक्सपायरी के दिन तीन प्रमुख तरीकों से बाजार को प्रभावित किया और भारी मुनाफा कमाया:
- इंट्रा-डे इंडेक्स मैनिपुलेशन
सुबह के सत्र में बैंक निफ्टी फ्यूचर्स और कैश मार्केट में भारी खरीदारी की और साथ ही पुट ऑप्शंस बेचे। इससे इंडेक्स मजबूत दिखा और पुट विक्रय से लाभ हुआ। दोपहर में उसी इंडेक्स की फ्यूचर्स पोजिशन को भारी मात्रा में बेच कर गिरावट लाई, जिससे पुट ऑप्शंस का फायदा हुआ। - एक्सटेंडेड मार्किंग द क्लोज़
एक्सपायरी के अंतिम घंटों में बाजार को बंद करने की कीमत को ठीक उसी तरह से नियंत्रित किया गया कि क्लोजिंग कीमत जेन स्ट्रीट की रणनीति के अनुसार तीव्र बदलाव में दिखे।
जनवरी 2024: ₹673 करोड़ का शुद्ध मुनाफा
17 जनवरी 2024 को जेन स्ट्रीट ने बुमेरांग रणनीति अपनाई:
- पैच I (09:15–11:46): बैंक निफ्टी में ₹4,370 करोड़ की भारी खरीदारी, जिससे इंडेक्स मजबूत हुआ।
- उसी दौरान पुट ऑप्शंस में ₹32,114 करोड़ की बेयरिश पोजिशन बनाई।
- पैच II (11:49–15:30): उसी खरीद के फ्यूचर्स और शेयरों को भारी मात्रा में बेचकर इंडेक्स नीचे गिराया गया।
परिणामस्वरूप
- ऑप्शंस में ₹735 करोड़ का मुनाफा
- फ्यूचर्स और कैश में ₹61.6 करोड़ का नुकसान
- कुल मिलाकर ₹673.4 करोड़ का शुद्ध लाभ
इस प्रक्रिया से निवेशकों को बाजार के अस्थिर चलन का मुकाबला करना पड़ा और उन्हें भारी मुनाफा/नुकसान झेलना पड़ा।
अवैध कमाई और शुद्ध मुनाफे का फर्क
SEBI ने जनवरी 2023 से मार्च 2025 तक की अवधि में जेन स्ट्रीट ने कुल ₹44,358 करोड़ ऑप्शंस ट्रेंडिंग से कमाया बताया। फ्यूचर्स और कैश मार्केट में ₹7,687 करोड़ का नुकसान हुआ। इस दौरान ₹36,671 करोड़ कुल शुद्ध मुनाफा था, जिसमें से ₹4,843.57 करोड़ को SEBI ने “अवैध” मानते हुए जब्त कर लिया।
नियम उल्लंघन: FPI एवं धोखाधड़ी
- FPI निर्देशों का उल्लंघन:
फिर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को इंट्रा-डे ट्रेडिंग की मनाही है लेकिन जेन स्ट्रीट ने JSI जैसी शाखाओं के ज़रिए इस नियम को तोड़ा। - धोखाधड़ी और अनुचित ट्रेड प्रैक्टिसेज अधिनियम उल्लंघन:
SEBI का कहना है कि कंपनी की रणनीतियाँ “प्रथम दृष्टया धोखाधड़ीपूर्ण और अनुचित” थीं, जो इंडेक्स की पारदर्शिता और निष्पक्षता को नुकसान पहुंचाती हैं।
SEBI जांच का रास्ता
अप्रैल 2024 की मीडिया रिपोर्ट्स में जब से सवाल उठे, SEBI ने NSE से सहयोग लेकर जांच को औपचारिक बनाया। फरवरी 2025 में एक चेतावनी भेजी गई थी, लेकिन निवेश रणनीति नहीं बदली। अंततः 3 जुलाई 2025 को SEBI ने 105 पेज के आदेश जारी कर बैन लगाया।
रिटेल निवेशकों को इसका क्या असर?
जेन स्ट्रीट की रणनीति से इंडेक्स की दरों में भारी चढ़-उतर हुआ, जिससे निवेशकों को गलत सिग्नल मिला। उदाहरण के तौर पर, 17 जनवरी को बैंक निफ्टी 48,125.10 से गिरकर 46,573.95 हुआ—जिसकी वजह मीडिया ने HDFC बैंक के खराब नतीजे बताई, पर SEBI के अनुसार इसमें मैनिपुलेशन की बड़ी भूमिका थी।
आगे की कार्रवाइयां और संभावित परिणाम
- jBASED कम्पनियों पर बाजार में ट्रेडिंग बैन
- ₹4,843.57 करोड़ की अवैध राशि जब्त
- खातों से किसी भी ट्रांजैक्शन पर SEBI की अनुमति अनिवार्य
- एक्सचेंजों को सतर्क रहने का निर्देश
- 21 दिन में जेन स्ट्रीट को जवाब देना होगा, बाद में कानूनी कार्यवाही आगे बढ़ेगी
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