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झोपड़ी में खिल रहा छात्रों का भविष्य,कैसे सार्थक होगा स्कूल चले हम अभियान…
School in Hut: आजादी के बाद भी मध्यप्रदेश में कई जिले ऐसे है जहां शिक्षा व्यवस्था दम तोड़ती नजर आ रही है.हम बात कर रहे है बड़वानी, जिले के पानसेमल विकास खण्ड के अंतर्गत आने वाले वनग्राम खामघाट की जहां करीब 10 वर्ष से अधिक समय से झोपड़ी में स्कूल संचालित किया जा रहा है।
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School in Hut: झोपड़ी में पाठशाला
वनग्राम खामघाट की जहां करीब 10 वर्ष से अधिक समय से झोपड़ी में स्कूल संचालित किया जा रहा है। ग्रामीणों द्वारा कई बार स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों को विद्यालय निर्माण की मांग हेतु आवेदन दिया गया, लेकिन अभी तक विद्यालय निर्मित नहीं हो पाया है। ग्राम पटेल रायसिंह ने बताया की एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें भवन निर्माण स्वीकृत होने की जानकारी दी गई थी लेकिन अभी तक जमीनी स्तर पर कार्य नहीं हो पाया हैं। फिलहाल वर्तमान सत्र भी झोपड़ी में ही लगाया जा रहा है।
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School in Hut: बारिश में होती है परेशानी
विद्यालय में कक्षा पहली से पांचवी तक कक्षाएं लगाई जाती है जिनमें 30 से अधिक विद्यार्थी दर्ज है, तथा विद्यालय में 2 शिक्षक पदस्थ हैं। ग्राम के पटेल ने बताया के वर्षाकाल के दौरान क्षेत्रवासियो को अधिक समस्या होती है वंही विद्यालय भवन निर्माण को लेकर बीआरसी पानसेमल जितेंद्र बाविस्कर ने बताया की भवन निर्माण को लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है उनके निर्देशन में भवन निर्माण की प्रक्रिया संपन्न करवाई जायेगी। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियो के दावे के इतर आप तस्वीरों में देख सकते हैं की किस प्रकार से बच्चों का भविष्य स्कूल भवन के बजाए झोपड़ी में खिल रहा हैं।
School in Hut: जहां एक और सरकारें बेहतर स्कूल शिक्षा व्यवस्था की बात करती है। स्कुल चले हम अभियान की शुरुआत बड़े जोर शोर और भव्यता के साथ बड़े बड़े कार्यक्रमो को कर करती है वही धरातल पर यह तस्वीरे सरकारों के अभियान की पोल खोलने के साथ ही सच्चाई दिखाती है कि अभियान के हाल क्या हो रहे है और देश के बच्चों का भविष्य कैसे इन झोपड़ियों में बन रहा हैं।