मंदिरों में परंपरागत शाकाहारी प्रसाद के अलावा नॉनवेज प्रसाद की भी परंपरा
Non Veg Prasad Temples in India: आमतौर पर हम सभी मंदिर जाते हैं पूजा-पाठ करते हैं और उसके बाद प्रसाद लेते है। बात करें प्रसाद की तो मंदिर के पंडित के द्वारा नारियल,लड्डू,फल,लाई,मेवा जैसे प्रसाद मितले हैं। लेकिन भारत में कुछ ऐसे मंदिर भी मंदिर हैं जहां देवी-देवताओं को नॉनवेज प्रसाद जैसे मटन, मछली, मोमो और चाऊमीन चढ़ाए जाते हैं। यह परंपरा धार्मिक आस्था और स्थानीय संस्कृति का अनोखा संगम है।
झारखंड के मां छिन्नमस्तिका मंदिर में मटन का प्रसाद
बतादें कि रामगढ़ जिले के मां छिन्नमस्तिका मंदिर को रजरप्पा मंदिर भी कहा जाता है। यह भारत के प्रसिद्ध सिद्धपीठों में से एक है, जहां मां छिन्नमस्तिका की सिर कटी मूर्ति स्थापित है। यहां भक्त बकरे की बलि देते हैं और मटन को प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। यह सदियों पुरानी परंपरा है जिसमें भक्त खुद मटन प्रसाद ग्रहण करते हैं।
हैदराबाद का ‘जिंदा मछली’ प्रसाद
हैदराबाद में जून के महीने में गुट्टी का प्रसाद के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं। यह प्रसाद अस्थमा रोगियों के लिए विशेष माना जाता है। यहां जिंदा मछली को निगलने की परंपरा है, जिसे दमा रोग में लाभकारी माना जाता है।
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तमिलनाडु के मुनियांदी स्वामी मंदिर में मटन बिरयानी प्रसाद
तो वहीं मदुरै जिले के मुनियांदी स्वामी मंदिर में भगवान मुनियांदी को मटन बिरयानी और चिकन प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह परंपरा 1973 से शुरू हुई जब एक स्थानीय व्यवसायी ने भगवान को धन्यवाद स्वरूप भव्य दावत दी थी। तब से यह उत्सव हर साल आयोजित होता है और स्थानीय लोग इसे बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं।
कोलकाता के ‘Chinese Kali Temple’ में चाइनीज प्रसाद
कोलकाता के टंगरा इलाके में मां काली को मोमोज और हक्का नूडल्स चढ़ाने की अनोखी परंपरा है। यहां भक्त चाइनीज व्यंजनों को प्रसाद के रूप में अर्पित करते हैं और मानते हैं कि मां काली सभी प्रकार के प्रसाद स्वीकार करती हैं।
केरल के मंच चॉकलेट प्रसाद की अनोखी परंपरा
Non Veg Prasad Temples in India: केरल के एक मंदिर में भगवान मुरुगन को मंच चॉकलेट चढ़ाने की परंपरा है। एक बच्चे की आस्था से शुरू हुई यह परंपरा अब लोकप्रिय हो गई है, जहाँ भक्त भगवान को अपने वजन के बराबर चॉकलेट चढ़ाते हैं। इस अनोखे प्रसाद से उनकी इच्छाएं पूरी होने का विश्वास है।
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