Nitish Kumar:- चंद्रबाबू नायडू किंग मेकर, डिमांड भी बड़ी रखी
Nitish Kumar: लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं एनडीए को 292 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत मिल गया है लेकिन इसमें एक पेच है वह यह है कि इस बार के चुनाव में बीजेपी अकेले दम पर बहुमत हासिल करने में नाकाम रही पार्टी को इस बार 240 सीटें ही मिल पाई ऐसे में गठबंधन दलों के सहयोग से वह सत्ता में बनी रह सकती है इसलिए इस बार सहयोगी दलों का महत्व बीजेपी के लिए काफी बढ़ गया है
18वीं लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की जनता दल यूनाइटेड और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी किंग मेकर बनकर उभरी है टीडीपी को इस चुनाव में 16 सीटें मिली जबकि नीतीश कुमार की जदयू को 12 सीटें मिली हैं
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Nitish Kumar: दोनों पार्टियों की इस सरकार में बारगेनिंग पावर भी काफी बढ़ गई है वैसे तो दोनों पार्टियों ने साफ किया है कि वह एनडीए के साथ ही बने रहेंगे लेकिन भारत के राजनीतिक इतिहास में नेताओं के पाला बदलते और उससे सरकार बदलते कई बार लोगों ने देखा है ऐसे में जरूरी हो जाता है कि गठबंधन के सभी दल एक दूसरे की जरूरतों का ध्यान रखें.
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Nitish Kumar: इंडिया गठबंधन भी डोरे डाल रहा
गौर करने वाली बात यह भी है कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को इस लोकसभा चुनाव में 234 सीटें मिली ऐसे में कांग्रेस और उसके सहयोगी दल बीजेपी को सत्ता से दूर रखने की पुरजोर कोशिशें कर रहे हैं इंडिया गठबंधन की तरफ से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और चंद्रबाबू नायडू पर डोरे भी डाले जा रहे हैं
कयास लगाए जाने लगे कि ये दोनों पार्टियां एनडीए से अलग हो सकती हैं लेकिन टीडीपी की तरफ से खुद पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी के साथ ही रहेंगे इधर जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी बीजेपी और पीएम के लिए नरेंद्र मोदी को समर्थन देने की बात कही है
हालांकि खुद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की तरफ से चुनावी नतीजों के बाद इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है माना जा रहा है कि नीतीश कुमार फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोलना चाहते वह दोनों प्रमुख गठबंधन से सबसे बेहतर डील का इंतजार कर रहे हैं एक तरफ तो एनडीए की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार को इंतजार होगा कि लंबे समय से बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की उनकी मांग मान ली जाए
जदयू नेता केसी त्यागी ने भी इस तरफ इशारा किया है उन्होंने न्यूज एजेंसी एएन आई से बातचीत में एनडीए को बिना कोई शर्त समर्थन देने की बात कहते हुए भी विशेष दर्जे का मुद्दा उठाया है एनडीए की बैठक है जिसमें सभी घटक दले के नेताओं को बुलाया है नीतीश कुमार जी भी उसमें शामिल हो रहे हैं और जेडीयू की तरफ से वह पत्र भी दिया जाएगा जिसमें एनडीए की भी सपोर्ट है नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने की भी सपोर्ट है
जनता दल स्पष्ट कर चुका है कि यह चुनाव नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में लड़ा गया है कार्यकर्ता सभी अपने नेताओं के लिए उच्च पदों की इच्छा और अपेक्षा रखते हैं जो कोई गलत नहीं एनडीए से डिमांड मंत्रिमंडल बगैर अनकंडीशनल हमारी सपोर्ट है अलबत्ता इच्छा जरूर है कि बिहार को विशेष का दर्जा मिले जो बिहार की जनता के हित में है विशेष राज के दर्जे के बगैर बिहार का विकास असंभव है
केसी त्यागी ने काफी सहज तरीके से एनडीए की नई सरकार में मंत्री पदों की डिमांड भी रखी वई पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने की मांग भी नीतीश कुमार लंबे समय से उठाते रहे हैं बिहार सीएम की दोनों मांग लंबे समय से धरी के धरी हुई है लेकिन इस बार नितीश कम से कम स्थिति में है कि वह अपनी मांगों को एनडीए की नई सरकार पर दबाव बना सकते हैं.