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यूपी, बिहार, राजस्थान में आकाशीय बिजली गिरने से 9 की मौत
Monsoon weather: मानसून ने उत्तर प्रदेश में मंगलवार शाम को प्रवेश किया। ललितपुर से मानसून ने एंट्री की। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून दो-तीन दिन में पूर्वी जिलों में पहुंच जाएगा। राजस्थान में भी मंगलवार को मानसून ने प्रवेश किया था।
वही आकाशीय बिजली गिरने से उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान में नौ लोगों की मौत हो गई। इनमें उत्तर प्रदेश में दो, राजस्थान में दो और बिहार में पांच लोगों की मौत हुई है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बुधवार को 21 राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। इनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, गोवा, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं।
मानसून कहां पहुंच गया है?
दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 मई को निकोबार पहुंचा था। इस बार मानसून दो दिन पहले ही 30 मई को केरल पहुंचा था और दक्षिण के कई राज्यों को कवर किया। फिर 12-18 जून को बारिश बंद हो गई।
मानसून ने छह जून को महाराष्ट्र में प्रवेश किया था और 11 जून को गुजरात में प्रवेश किया था। 12 जून तक, मानसून पूरी तरह से केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को कवर कर चुका था। तूफान दक्षिण महाराष्ट्र, दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और सभी उत्तर-पश्चिमी राज्यों के अधिकांश हिस्सों में पहुंच गया था।
18 जून तक मानसून महाराष्ट्र के जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, ओडिशा के मलकानगिरी और आंध्र प्रदेश के विजयनगरम तक पहुंच चुका था। हालांकि उसके बाद बारिश का मौसम थम गया। मानसून 21 जून को डिंडोरी होते हुए मध्य प्रदेश पहुंचा था और 23 जून को गुजरात में प्रवेश किया था।
मानसून ने 25 जून को राजस्थान में प्रवेश किया और मध्य प्रदेश के आधे से अधिक हिस्से को कवर किया। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून 27 जून तक आधे से ज्यादा गुजरात को कवर कर लेगा।
जून में औसत से कम बारिश
मानसून के तीन जुलाई तक पूरे मध्य प्रदेश, पूरे बिहार, पूरे झारखंड, पूरे पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 1-2 दिनों में कवर होने की उम्मीद है। मानसून 27 जून तक दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में प्रवेश करेगा और 3 जुलाई तक इन राज्यों को पूरी तरह से कवर कर लेगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि जून में मानसून सामान्य से कम रहेगा, जिसका मतलब है कि दीर्घकालिक औसत से 92% नीचे।
10 वर्षों में छठी बार जून में औसत से कम बारिश देखी गई, जिसमें न केवल मानसून के पहले महीने में गिरावट आई, बल्कि गर्मी के महीने भी कम हुए।
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