Karnataka to bhopal king cobra : ढाई महीने भी नहीं जिए “नागार्जुन”
Karnataka to bhopal king cobra : भोपाल, मध्यप्रदेश। वन विहार नेशनल पार्क में दुर्लभ प्रजाति के एक किंग कोबरा “नागार्जुन” की बुधवार को अचानक मौत हो गई। यह वही सांप था, जिसे हाल ही में कर्नाटक के पिलिकुला बायोलॉजिकल पार्क, मैंगलोर से दो बाघों के बदले भोपाल लाया गया था।
पशु विनिमय योजना के तहत आया था किंग कोबरा
6 अप्रैल 2025 को कर्नाटक से दो नर किंग कोबरा — आठ वर्षीय नागशयना और पांच वर्षीय नागार्जुन — को भोपाल लाया गया था। वन्य प्राणी आदान-प्रदान (Animal Exchange) योजना के तहत यह विनिमय हुआ था। दोनों को विशेष निगरानी और नियंत्रित वातावरण में रखा गया था क्योंकि किंग कोबरा को highly sensitive species में गिना जाता है।
CCTV में दिखी अनहोनी
बुधवार सुबह वन विहार के कर्मचारियों को सीसीटीवी में नागार्जुन की कोई गतिविधि नजर नहीं आई। शक होने पर डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंची और नागार्जुन को मृत पाया। पोस्टमार्टम के लिए विशेषज्ञों की टीम बुलाई गई, ताकि मौत के कारणों की पुष्टि की जा सके।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलेगा राज
वन विहार प्रबंधन के अनुसार, नागार्जुन की हालत मंगलवार शाम तक सामान्य थी। उसकी गतिविधियों की निगरानी 24×7 की जा रही थी। एक्सपर्ट्स से लगातार संपर्क में रहकर उसके व्यवहार और सेहत की रिपोर्ट तैयार की जा रही थी। अब मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही सामने आ पाएगी।
दो बाघ दिए, एक कोबरा ही बचा
इस आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत दो बाघों के बदले दो किंग कोबरा भोपाल लाए गए थे। अब इनमें से एक सांप की मौत हो चुकी है। फिलहाल मध्यप्रदेश में सिर्फ एक ही किंग कोबरा जीवित है, जो इंदौर में मौजूद है।
संरक्षण और प्रजनन योजना को झटका
वन विहार में एक्स-सीटू संरक्षण (ex-situ conservation) और किंग कोबरा की प्रजनन योजना पर काम किया जा रहा था। नागार्जुन की मौत से इस योजना को बड़ा झटका लगा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस संवेदनशील प्रजाति के लिए जलवायु, तापमान और आहार व्यवस्था को लेकर और अधिक अध्ययन और अनुकूलन की आवश्यकता है।
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