BHOPAL CRIME: भोपाल जिला अदालत ने पति की हत्या के आरोप में एक महिला और उसके प्रेमी को आजीवन कारवास की सजा सुनाई है. विशेष लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदोरिया ने कहा कि आरोपी संगीता मीना हत्या के मामले में सरेंडर करने के लिए 7 दिसंबर, 2021 को कटारा हिल्स पुलिस स्टेशन आई थी।
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BHOPAL CRIME: आरोपी की जुबानी पूरी कहानी…
BHOPAL CRIME: पति की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा पानी वाली दोषी संगीता ने जो बताया वो हैरान कर देने वाला है.उसने बताया कि उसकी शादी 2006 में धनराज मीना से हुई थी। उसके दो बच्चे हैं, वे 2014 से सागर गोल्डन पाम हाउसिंग सोसायटी में रह रहे थे। 2015 में, उसकी मुलाकात आशीष पांडे से हुई थी, जो पड़ोसी था। धीरे-धीरे महिला को उससे प्यार हो गया। जब महिला का पति घर नहीं होता था, तो वह उसके घर जाता था।
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BHOPAL CRIME:प्रेमी के एंट्री के बाद शुरु हुई साजिश
संगीता के पति को दोनों के बीच चल रहे नजायच रिश्ते की भनक जब महिला के पति को हुई.तो उनके वैवाहिक जीवन में विवाद शुरू हो गए। 6 दिसंबर 2021 को संगीता और आशीष ने धनराज की हत्या की योजना बनाई। महिला के प्रेमी आशीष ने उसको पति की चाय में नींद की गोलियां मिलाने के लिए कहा। प्रेमी ने कहा जब वह सो जाएगा, तो उसे मार देंगे। महिला ने अपने प्रेमी के साथ पति की बॉडी को को एक सुनसान जगह पर फेंकने की योजना बनाई थी।
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चाय में नींद की गोलिया
फिर हथौडे से वार,
और डेथ बॉडी से साथ लॉंन्ग ड्राइव
साजिश के मुताबिक उस ने पति की चाय में नींद की गोलियां मिला दीं। उनके बच्चे बगल के कमरे में सो रहे थे,जब उसका पति गहरी नींद में सो गया तो आशीष आया और उसके सिर पर हथौड़े से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया।जिसके बाद कमरे में फैले खून को साफ किया और उसके शव को कंबल में बांध दिया। दोनों एक कार में उसके शव को कोलार बांध के पास ठिकाने लगाने गए, लेकिन उन्हें जगह नहीं मिली। यह महसूस होने पर कि वे पुलिस द्वारा पकड़े जाएंगे, दोनों ने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।
BHOPAL CRIME: पकड़े जाने के डर से किया सरेंडर
जब उन्हे शव को ठिकाने लगाने की जगह नहीं मिली तो उन्होंने पकड़े जाने के डर से खुद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.पुलिस ने दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज कर उसके घर से धनराज की हत्या में इस्तेमाल किया गया सामान जब्त कर लिया। सुनवाई के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा की अदालत ने आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।