15 दिनों में बरामदगी का वादा
धरने के दौरान रैणी थानाधिकारी रामजीलाल और तहसीलदार मौके पर पहुंचे। उन्होंने पशुपालकों को आश्वासन दिया कि 15 दिनों के भीतर चोरी गई भेड़ों को बरामद कर लिया जाएगा और चोरों तथा खरीददारों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस आश्वासन के बाद राष्ट्रीय पशुपालक संघ ने धरना समाप्त करने का फैसला लिया। हालांकि, पशुपालकों ने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय में कार्रवाई नहीं हुई, तो वे दोबारा प्रदर्शन करेंगे।
पशुपालकों की परेशानी
20 मार्च 2025 को हातोज गांव के जयराम रैबारी की 30 भेड़ें अज्ञात चोरों द्वारा चुरा ली गई थीं। यह घटना क्षेत्र में पशुपालकों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। भेड़ पालन जयराम और अन्य पशुपालकों की आजीविका का प्रमुख स्रोत है। चोरी की इस घटना ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को प्रभावित किया, बल्कि क्षेत्र में पशु चोरी की बढ़ती घटनाओं ने पशुपालकों में असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। राष्ट्रीय पशुपालक संघ के बैनर तले एकजुट हुए पशुपालकों ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
Sheep theft protest Alwar: धरने का प्रभाव
रैणी एसडीएम कार्यालय के सामने आयोजित धरना स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना। तीन घंटे तक चले इस प्रदर्शन में पशुपालकों ने अपनी एकजुटता का परिचय दिया। लालजी राईका ने कहा कि पशुपालक समाज की मेहनत और आजीविका की रक्षा के लिए संघ हर स्तर पर लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने प्रशासन से पशु चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की। धरने के बाद पशुपालकों ने तय किया कि वे पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर नजर रखेंगे। यदि 15 दिनों में कोई ठोस परिणाम नहीं मिला, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
हेमंत गुप्ता की रिपोर्ट