Unique temple in MP: मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में एक मंदिर जहां कुंवारे लड़के अपनी मन पसंद जीवन साथी चुनते है, यह मंदिर द्रौपदी देवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां चैत्र नवरात्रि के दौरान हर साल ऐसा मेला लगता है, जहां कुंवारे युवक और युवतियां एक-दूसरे को पसंद कर शादी करते हैं। यह विवाह पूरी तरह बिना दहेज लिए होता हैं और समाज में समानता व प्रेम का संदेश देते हैं।
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द्रौपदी देवी का ऐतिहासिक मंदिर….
यह मंदिर अनूपपुर जनपद की ग्राम पंचायत ऊरा में स्थित है और आदिवासी समाज की आस्था का मुख्य केंद्र माना जाता है। नवरात्रि के समय यहां तीन दिनों तक चलने वाला विशाल मेला आयोजित होता है। इस पवित्र आयोजन में न केवल मध्य प्रदेश, बल्कि छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

3 दिन लगता है मेला…
मेला अष्टमी से शुरू होकर तीन दिन तक चलता है। इस दौरान मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना, भजन, भंडारा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। आदिवासी समाज, विशेषकर महरा समुदाय के लोग इस मेले में बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। श्रद्धालु देवी से आशीर्वाद मांगते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
युवक-युवतियां चुनते हैं जीवनसाथी…
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां आने वाले युवक-युवतियां एक-दूसरे को पसंद कर अपनी पसंद से विवाह करते हैं। नवरात्रि के दौरान मंदिर प्रांगण में समाज की सहमति से इन शादियों को संपन्न कराया जाता है। ये विवाह पूरी तरह दहेज-मुक्त होते हैं और समाज में समानता व प्रेम का संदेश देते हैं।

देवी पूरी करती हैं हर मनोकामना…
मंदिर के पुजारी रमेश सिंह के अनुसार, “द्रौपदी देवी के मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करता है, देवी उसकी हर मनोकामना पूरी करती हैं। नवरात्रि के दौरान हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पूरी तरह सतर्क रहता है।”
आस्था, परंपरा और प्रेम का संगम…
ऊरा गांव का द्रौपदी देवी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, प्रेम और सामाजिक समानता का प्रतीक बन चुका है। यहां होने वाली शादियां यह संदेश देती हैं कि सच्चे रिश्ते दिल से बनते हैं, दहेज से नहीं। यही वजह है कि हर साल नवरात्रि के दौरान यह मंदिर युवाओं के लिए “सच्चे प्रेम का केंद्र” बन जाता है।

