MP Education System: मध्यप्रदेश में संभागीय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, विकास खंड शिक्षा अधिकारी और विधानसभा-लोकसभा चुनाव कार्य के लिए कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम), तहसील सहित अन्य कार्यालयों में अटैच करीब 50 हजार शिक्षकों को मूल संस्था में वापस भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
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50 हजार शिक्षकों की मूल विभाग में वापसी
50 हजार शिक्षकों को मूल संस्था में वापस भेजने के निर्देश दिए गए हैं इन शिक्षकों के स्कूलों में लौटने से पढ़ाई की स्थिति सुधरेगी। अभी शिक्षकों की कमी के कारण सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पढ़ाई नहीं हो पा रही है।
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MP Education System: सभी कलेक्टरों को निर्देश
आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि विभिन्न कामों के लिए विभिन्न कार्यालयों में अटैच किए गए शिक्षकों को तत्काल वापस करें। उन्होंने कलेक्टरों को 25 जून 2013 और 8 नवंबर 2017 के सामान्य प्रशासन विभाग, 30 मई 2017 और 20 सितंबर 2019 के स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों की याद दिलाई है। जिसमें शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 (आरटीई) और न्यायालयीन प्रकरण में पारित निर्णयों के हवाले से कहा गया है कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जा सकता है।
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भविष्य में भी शिक्षकों को नहीं किया जाएगा अटैच
आयुक्त ने साफ कहा है कि शिक्षकों को भविष्य में भी गैर शैक्षणिक कार्यों में न लगाया जाए। ऐसा हुआ तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। वहीं गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए गए शिक्षकों को मूल पदस्थापना के लिए कार्यमुक्त कर शिक्षण कार्य कराने को कहा है।
मध्य प्रदेश में नवंबर 2023 में विधानसभा और मई 2024 में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त हुए भी डेढ़ महीने बीत गए, पर चुनाव कार्य के लिए विभिन्न कार्यालयों में अटैच किए गए शिक्षकों को वापस नहीं लौटाया गया है। विभिन्न कार्यालयों में अटैच शिक्षकों में से कई ऐसे भी हैं, जो वापस जाना भी नहीं चाहते हैं। जिसे देखते हुए आयुक्त लोक शिक्षण को यह निर्देश जारी करने पड़े। विभिन्न कार्यालयों में हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी प्राचार्य, व्याख्याता एवं शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी अटैच हैं। इनमें अध्यापक से शिक्षक बने कर्मचारी भी शामिल हैं