उज्जैन. karvachauth temple में मां कामाख्या मंदिर असम का सिंदूर और कपड़ा माता-बहनों को नि:शुल्क रूप से प्रसाद बतौर भेंट किया जाएगा। शांति पैलेस के पीछे क्षिप्रा पर बने पुल से कुछ दूरी पर जीवनखेड़ी के समीप खेत में मंदिर का निर्माण समाजसेवी डॉ. केसी नागवंशी ने दो दशक पहले करवाया था।
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मां करवाचौथ की प्रतिमा विराजित
Karvachauth Temple: उज्जयिनी में है मां करवाचौथ का मंदिर, सौभाग्य का मिलता है वरदान यहां मां करवाचौथ की प्रतिमा विराजित है। प्रतिवर्ष करवा चौथ के दिन बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए माता बहनों के साथ श्रद्धालु आते हैं। नागवंशी व पत्नी असम के मां कामाख्या मंदिर पहुंचे और दर्शन के बाद मां से सिंदूर और कपड़ा लेकर आए हैं। सिलसिला कई वर्षों से चल रहा है।
Karvachauth Temple: करवा चौथ माता का मंदिर बना आस्था का केंद्र
इंदौर-उज्जैन फोरलेन से लगे उन्हेल बायपास के समीप जीवनखेड़ी गांव में बना करवा चौथ माता का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। बताया जाता है कि यह मंदिर डॉ. कैलाश नागवंशी ने अपनी मां लक्ष्मीदेवी की स्मृति में 20 साल पहले बनवाया था।
Karvachauth Temple: मां शिप्रा के किनारे बना है मंदिर
Karvachauth Temple: उज्जयिनी में है मां करवाचौथ का मंदिर, सौभाग्य का मिलता है वरदान मंदिर को मां शिप्रा के किनारे निजी जमीन पर बनाया गया था। खास बात यह है कि यह मंदिर साल में केवल करवा चौथ के दिन ही खोला जाता है। करवा चौथ पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं मंदिर में चौथमाता के दर्शन और करवाचौथ की कथा सुनने आती हैं। मंदिर में चौथ माता के अलावा सास-बहू और बहन-भाई मंदिर भी बनाए गए हैं।
बताया जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. जो भी दंपति यहां करने आते है उनके पारिवारिक जीवन में आ रही अड़चनें खत्म हो जाती हैं. और जीवन में शांति आ जाती है. मंदिर में अपनी कामना लेकर पहुंचे दिनेश ने बताया कि जब से मंदिर करने आए हैं, तब जीवन में एक अलग ही शांति आ गई है. अब वह नियमित रूप से मंदिर आते हैं.
अगर आप भी बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आते हैं तो एक बार Karvachauth Temple इस मंदिर में भी जरूर आए. महाकाल की कृपा से जीवन की हर मुश्किल दूर हो जाएगी.