
100 कैदी हीरे को तरासते हैं जिससे लाखों में होती है कमाई
Diamonds factory : दुनियाभर में मशहूर भारत की डाइमंड सिटी के हीरे तो सबकी पहली पसंद है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की एक जेल भी एसी है जहां खूनी और लुटेरे हीरों को तरासते हैं उनके हाथ में करोड़ों के हीरे होते है और इससे उनको हर साल लाखों की कमाई भी होती है.

जी हां हम बात कर रहे हैं गुजरात के सूरत शहर की. देश-विदेश में डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत शहर में दुनिया के 100 में से 90 हीरे तराशे और पॉलिश किए जाते हैं। यहां हजारों हीरे की फैक्ट्रियां हैं।
सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में डायमंड यूनिट भी चल रही है। यहां हीरे तरासने वाले और नहीं बल्कि जेल में सजा काट रहे कैदी हैं। देश-विदेश में रहने वाले लोग जो हीरे के आभूषण पहनते हैं, उन्हें इस बात का एहसास भी नहीं होगा कि सूरत जेल में उनके गहनों में लगे हीरे काटकर पॉलिश किए गए हैं। यहां कैदी हीरे को काटकर और चमकाकर 5,000 रुपये से 20,000 रुपये तक कमा लेते हैं।
100 कैदी रोजाना हीरे तराश रहे हैं
लूट, चोरी, हत्या और लूट, चोरी, हत्या समेत अन्य अपराधों में शामिल आरोपी लाजपोर सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हैं। जो विशेष हीरा इकाई में काम करते हैं, इस यूनिट की खास बात यह है कि जिन लोगों ने हत्या, चोरी जैसे अपराध किए थे, वे अब अपने हाथों से सबसे कीमती हीरे को काटकर पॉलिश कर रहे हैं। करीब 100 कैदी रोजाना हीरे तराश रहे हैं। जिस तरह से हीरा कलाकार डायमंड यूनिट में हीरे को आकार देते हैं, उसी तरह ये कैदी जेल के अंदर यूनिट में हीरे काट रहे हैं और पॉलिश कर रहे हैं।

कैदियों के लिए कौशल विकास
जेल के अंदर सभी कैदियों के लिए कौशल विकास किया जाता है ताकि जेल के अंदर सजा काट रहे कैदी आपराधिक गतिविधियों से दूर रह सकें और जेल से बाहर निकलने पर उन्हें रोजगार मिल सके। जेल से प्रशिक्षण लेने वाले कैदियों को जेल से बाहर आने पर हीरा कारखाने में नौकरी भी मिली है। जिससे वह रोजगार प्राप्त करके परिवार की मदद भी कर रहे हैं