आज अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। यह चुनाव भारत के लिहाज से भी बेहद अहम हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का भारत पर किस तरह से प्रभाव पड़ सकता है इस पर एक विश्लेषण- अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का विश्व राजनीति और विभिन्न देशों के साथ उसके संबंधों पर गहरा असर पड़ता है।
भारत भी इससे अछूता नहीं है। अमेरिका और भारत के संबंध मजबूत रहे हैं लेकिन राष्ट्रपति पद पर इस बार किसका कब्जा होता है, इससे इन संबंधों की दिशा बदल सकती है। एक तरफ डोनाल्ड ट्रंप हैं जो भारत के साथ दोस्ताना संबंधों के पक्षधर हैं और उनकी पीएम मोदी के साथ दोस्ती जगजाहिर है। तो वहीं दूसरी तरफ कमला हैरिस हैं जिनके भारतीय मूल की वजह से भारत के लोग उन्हें ज्यादा करीबी मानते हैं।
अमेरिका में चुनाव के बाद भारत के साथ संबंधों पर किस तरह का असर पड़ेगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा पर अगर चुनाव के बाद व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी होती है तो पीएम मोदी के साथ मजबूत व्यक्तिगत संबंधों का लाभ दोनों देशों को मिल सकता है। इन संबंधों से ऐसी विदेश नीति को बढ़ावा मिल सकता है जिसमें व्यापार, बाजार और आप्रवासन जैसे मुद्दों पर संतुलन देखने को मिलेगा।
अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो वो भी दक्षिण एशिया में भारत को चीन के सबसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखती हैं। ऐसे में जाहिर है कि चुनाव के बाद अमेरिका का नया राष्ट्रपति भारत के साथ अपने संबंधों को और बेहतर ही करना चाहेगा। ऐसे मुद्दे जिनका असर भारत पर अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद पड़ सकता है उनमे मुख्य हैं –
आर्थिक सम्बन्ध- अमेरिका भारत का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं, और इनका आगे बढ़ना या धीमा होना काफी हद तक अमेरिकी नीतियों पर निर्भर करता है। अब ऐसे में चुनाव के बाद अगर नया राष्ट्रपति व्यापार समझौतों और tariff policies में बदलाव करता है, तो इसका सीधा प्रभाव भारतीय कंपनियों और अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग – भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग बेहद महत्वपूर्ण है। अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में कौन आता है, इससे यह तय हो सकता है कि दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों की खरीद और सुरक्षा सहयोग में कितनी तेजी आएगी। हाल के वर्षों में, दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जो भविष्य में भी जारी रह सकते हैं।
कूटनीतिक और सामरिक संबंध- अमेरिका की विदेश नीति और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में उसकी रणनीतिक नीतियों का भारत पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। चीन के बढ़ते प्रभुत्व को संतुलित करने के लिए अमेरिका और भारत के बीच मजबूत सामरिक साझेदारी बेहद अहम साबित हो सकती है। चुनाव के बाद नया राष्ट्रपति इस क्षेत्र में किस तरह की नीतियां अपनाता है, इससे भारत की कूटनीतिक स्थिति पर असर जरूर पड़ेगा।
आउटसोर्सिंग और नौकरी के अवसर– भारत में आईटी और सेवा क्षेत्र में बड़ी संख्या में अमेरिकी कंपनियों के आउटसोर्सिंग कार्य होते हैं। अमेरिका की नई सरकार की नीतियां, जैसे वीजा नियमों में बदलाव, H-1बी वीजा पर प्रतिबंध जैसे अन्य कदम भारतीय पेशेवरों और कंपनियों पर प्रभाव डाल सकते हैं। इससे रोजगार के अवसरों पर भी असर पड़ सकता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का भारत पर व्यापक प्रभाव हो सकता है। आर्थिक संबंधों से लेकर सुरक्षा और कूटनीति तक, हर क्षेत्र में संभावित बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अब चुनाव के बाद यह देखना बेहद अहम् होगा कि नया अमेरिकी नेतृत्व इन संबंधों को किस दिशा में ले जाता है और भारत के लिए नए अवसर और चुनौतियां क्या हो सकती हैं।