जाने किसने किए थे दान…
Janmashtami Updates: देशभर में आज कृष्ण जनमाष्टमी की धूम है.और भक्त श्री कृष्ण के जनमोत्सव को लेकर बेसब्र है.मंदिरों में भगवान कृष्ण का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है.वही ग्वालियर के गोपाल मंदिर की बात ही अलग है.यहां श्रीराधा-कृष्ण को 100 करोड़ से ज्यादा की ज्वेलरी पहनाई जाएगी। इन आभूषणों में बेशकीमती रत्न हीरा, पन्ना, माणिक, मोती, पुखराज और नीलम जड़े हैं। ज्वेलरी 150 साल से ज्यादा पुराने सिंधिया रियासतकाल की है।
100 करोड़ का श्रृंगार
जन्माष्टमी पर भगवान को पहनाए जाने वाले जेवर की खासियत के बारे में बताये तो इनमे हैं हीरा, पन्ना, माणिक, मोती, पुखराज और नीलम जड़े हैं। इनकी कीमत 100 करोड़ से भी ज्यादा है.
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Janmashtami Updates: सुरक्षा में 200 जवान
बेशकीमती जेवर को कड़ी सुरक्षा के बीच बैंक लॉकर से निकाला जाता है। इनमें सात लड़ियों का हार, कंगन, बाजूबंद, मोतियों की माला, स्वर्ण मुकुट शामिल हैं। इनकी सुरक्षा के लिए 200 जवान तैनात रहेंगे। 50 से ज्यादा CCTV से भी निगरानी रखी जाएगी। लॉकर से गहने निकालने और रखने के दौरान 50 पुलिस जवान और अफसर ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी में जाते हैं। आज त्योहार के दिन यहां सुरक्षा के लिए 200 से ज्यादा जवान तैनात किए जाएंगे। मंदिर की चारों तरफ से किलेबंदी की जाएगी। हर दरवाजे पर मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। इस बार भी 50 से ज्यादा CCTV से नजर रखी जाएगी।
सिंधिया राजघराने ने बनवाया था मंदिर
गोपाल मंदिर की स्थापना साल 1921 में ग्वालियर रियासत के तत्कालीन शासक माधवराव सिंधिया प्रथम ने की थी। उन्होंने भगवान की पूजा के लिए चांदी के बर्तन और रत्न जड़ित सोने के आभूषण बनवाए थे। इनमें राधा-कृष्ण के 55 पन्ना जड़ित सात लड़ी का हार, सोने की बांसुरी जिस पर हीरे और माणिक लगे हैं। सोने की नथ, जंजीर और पूजा के लिए चांदी के बर्तन हैं।
Janmashtami Updates: नगर निगम के जिम्मे सुरक्षा
श्रीराधा-कृष्ण को पहनाए जाने वाले बेशकीमती, एंटीक गहनों का रखरखाव और उन्हें बैंक से निकालने का काम नगर निगम के जिम्मे है। मंदिर में विराजमान श्रीराधा-कृष्ण के विशेष श्रृंगार के लिए गहनों को सेंट्रल बैंक के लॉकर में रखा जाता है।हर साल समिति बनाई जाती है, जो त्योहार के दिन सुबह गहनों को लॉकर से निकालकर श्रीराधा-कृष्ण मंदिर तक पहुंचाती है। यहां गहनों की सफाई कर भगवान का शृंगार किया जाता है। अगले दिन सुबह गहने उतार कर बॉक्स में रखते हैं। इसके बाद वापस लॉकर में रखवा दिए जाते हैं।
