Ro/ARO Exam: उत्तरप्रदेश से छात्रों के आंदोलन की कई तस्वीरें सामने आ रही है। लखनऊ प्रयागराज में छात्र धरने पर बैठे हुए है, और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है। लेकिन आखिर क्यों हजारों छात्र सड़कों पर है और आखिर क्यों पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया।
Ro/ARO Exam: क्यों कर रहे छात्र आंदोलन
मुद्दा है, PCS और RO-ARO की प्रीलिम्स परीक्षा, अभ्यर्थियों की मांग है कि ये परीक्षाएं एक ही दिन कराई जाएं। बता दें, UPPSC ने 5 नवंबर को घोषणा की थी कि RO-ARO प्रीलिम्स परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को 3 शिफ्ट में आयोजित की जाएगी।
बार-बार स्थगित हुई परीक्षा
Ro/ARO Exam: बता दे की 17 मार्च 2024 को परीक्षा होनी थी। लेकिन स्थगित हो गई, फिर 3 जून को इसी परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी हुआ। 27 अक्टूबर को परीक्षा होनी थी, लेकिन फिर स्थगित हो गई। अब बीते 5 नवंबर को UPPSC ने एक बार फिर नोटिफिकेशन जारी किया। लेकिन नोटिफिकेशन जारी होते ही एग्जाम की तैयारी कर रहे छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। उसी दिन छात्र सड़कों पर उतर गए।
वजह है परीक्षा का आयोजन एक दिन के बदले 2 दिन में करना, और इसके कारण होने वाले नॉर्मेलाइजेशन का विरोध। तैयारी कर रहे छात्र पिछले 10 महीने से PCS एग्जाम होने का इंतजार कर रहे हैं। इंतजार के पीछे वजह है यूपी सरकार की एक विफलता। पहले उस कहानी को समझते हैं, फिर आगे की बात समझने में आसानी होगी।
हुआ था पेपर लीक
11 फरवरी 2024…RO/ARO का एग्जाम हुआ था. उसी दिन शाम होते-होते सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने की खबरे सामने आने लगी.इस पर छात्रों ने विरोध शुरू कर दिया. छात्र दोबारा परीक्षा करवाने की मांग करने लगे. इसके बाद, लोक सेवा आयोग ने स्पेशल टास्क फोर्स यानी (STF) से मामले की जांच कराने का फैसला लिया.
Ro/ARO Exam: मामला यहीं नहीं रुका. छात्रों की मांग पर सरकार ने परीक्षा रद्द करने का भी फैसला लिया. 2 मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 6 महीने में दोबारा परीक्षा होगी. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं. उन्होंने सोशल मीडिया पर इसको लेकर एक पोस्ट भी किया। इसके बाद 7 मार्च को लोक सेवा आयोग ने नोटिस जारी किया कि 17 मार्च की PCS प्रीलिम्स परीक्षा स्थगित की जाती है.
Read More: जरूरतमंदों के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी: सीएम योगी
बताया गया कि परीक्षा जुलाई में हो सकती है. लेकिन कोई तारीख नहीं दी गई. इस परीक्षा को लेकर लगातार नोटीफीकेशन आते गए और परीक्षा स्थगित होती गई। इसके बाद आखिर 5 नवंबर को एक और नोटिफीकेशन आया, की 22 और 23 दिसंबर को RO/ARO की परीक्षा होगी।
Ro/ARO Exam: वन डे वन शिफ्ट की मांग
पेपर लीक और परीक्षा की बढ़ती तारीखों से परेशान छात्र एक दिन से ज्यादा परीक्षा का आयोजन होने से बिफर गए हैं और सड़को पर उतर आए। सीएम योगी का नारा बटेंगे तो कटेंगे को ही छात्रों ने अपना नारा बना दिया और कहा पेपर बंटेंगे तो हमारे नंबर कटेंगे. वन डे वन शिफ्ट की हमारी मांग है.
मेन गेट पर लिखा ‘लूट सेवा आयोग’
हंगामा बढ़ता देख आननफानन में प्रशासन और आयोग के अफसर भी बातचीत के लिए पहुंचे जो कि बेनतीजा रही. यही नहीं, आयोग के मेन गेट पर कालिख से ‘लूट सेवा आयोग’ लिख दिया। आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत की शव यात्रा निकाली। पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़कर आगे बढ़ रहे छात्रों की पुलिस से नोकझोंक हो गई। इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी, जिससे अफरातफरी मच गई। फोर्स ने छात्रों को काफी दूर तक खदेड़कर तितर बितर कर दिया।
UP में गरमाई राजनीति
इस मामले को लेकर अब राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने छात्रों पर लाठी चार्ज को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर किया. इसमें उन्होंने लिखा- योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हुआ माहौल! आज यूपी के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर जो बात है वो है…नौकरी, जो बीजेपी के एजेंडे में है ही नहीं…छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय है।
Ro/ARO Exam: इधर डिप्टी सीएम केशव मौर्य छात्रों के समर्थन में उतर आए। कहा- अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और जल्द समाधान निकालें।