रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 4 दिसंबर को होने वाली भारत यात्रा ने बाजार में पहले ही हलचल बढ़ा दी है। ट्रेड और जियो-पॉलिटिक्स तो अपनी जगह हैं, लेकिन दलाल स्ट्रीट की नजर फिलहाल सिर्फ एक सेक्टर पर टिक गई है डिफेंस। निवेशकों को भरोसा है कि इंडिया-रूस समिट में होने वाले फैसले सीधे HAL, BEL, BDL जैसे दिग्गज स्टॉक्स में उछाल ला सकते हैं।
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क्यों है पुतिन का भारत दौरा मार्केट के लिए इतना अहम?
23वीं इंडिया–रूस एनुअल समिट इस बार सिर्फ कूटनीतिक बातचीत नहीं, बल्कि रणनीतिक और आर्थिक समीकरणों का बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ताओं के बीच रूस का भारत आना अपने-आप में बड़ा संकेत है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिफेंस साझेदारी बढ़ी तो भारत को तकनीकी बढ़त मिलेगी अमेरिका की प्रतिक्रिया से शॉर्ट-टर्म मार्केट वोलैटिलिटी बढ़ सकती है और रुपए पर हल्का दबाव और डिफेंस स्टॉक्स में तेज ट्रेडिंग देखने को मिल सकती है यानी यह विजिट महज़ औपचारिक यात्रा नहीं मार्केट-मूवर इवेंट है।
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कौन-से स्टॉक्स रहेंगे सबसे अधिक फोकस में?
1. HAL, BEL, BDL टेक ट्रांसफर हुई तो सबसे बड़ा फायदा
अगर भारत–रूस के बीच नई मिसाइलें, एयर डिफेंस सिस्टम या जेट इंजन प्रोजेक्ट भारत में बनाने की सहमति बनती है, तो HAL, BEL और BDL तीनों कंपनियों में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। इनके साथ जुड़े छोटे वेंडर्स और सप्लायर्स भी तेज़ी पकड़ेंगे। यह संभावित समझौते भारत के डिफेंस सेक्टर में मल्टी-ईयर कैपेक्स साइकिल को मजबूत करेंगे, जिससे लंबी अवधि में इन स्टॉक्स को भारी लाभ मिलेगा।
2. S-400 की नई डील BDL होगी सबसे आगे
क्रेमलिन की तरफ से संकेत मिल चुके हैं कि S-400 मिसाइल सिस्टम की अतिरिक्त खरीद पर बातचीत हो सकती है। S-400 की भारत में सफलता खासकर ऑपरेशन सिंदूर ने इसकी उपयोगिता और बढ़ा दी है। अगर नई डील होती है तो अनुमान है कि इसमें टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भी शामिल होगा। इसमें सबसे बड़ा फायदा BDL को मिलेगा क्योंकि लोकल लेवल पर मिसाइल कंपोनेंट्स निर्माण की संभावना बढ़ेगी।
3. Su-57 और S-500 सिस्टम HAL फिर होगी केंद्र में
पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ जेट सुखोई-57 और उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम S-500 पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। क्योंकि HAL पहले से ही विमानों के निर्माण, अपग्रेड और मैंटेनेंस का नेतृत्व करती है इसलिए रूस के किसी भी फाइटर प्रोजेक्ट में HAL की भागीदारी लगभग तय है। इन चर्चाओं के चलते HAL और BDL दोनों ही निकट भविष्य में लाइमलाइट में रह सकते हैं।
भारत आने से पहले पुतिन का एजेंडा
पुतिन की टीम ने संकेत दिए हैं कि भारत–रूस रक्षा सहयोग को और व्यापक बनाने का लक्ष्य है। दलों के बीच की तैयारी बता रही है कि को-डेवलपमेंट मॉडल पर जोरजेट इंजन, मिसाइल सिस्टम, एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी और एयर डिफेंस आर्किटेक्चर पर बड़े फैसले संभव हैं इसका सीधा असर निवेशकों की रणनीति पर पड़ेगा।
