17 Children Hostage in Mumbai: मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे शहर को दहला दिया। महावीर क्लासिक बिल्डिंग स्थित आरए स्टूडियो में एक व्यक्ति ने 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बना लिया। आरोपी की पहचान रोहित आर्या के रूप में हुई है।
घटना की सूचना मिलते ही मुंबई पुलिस की कई टीमें मौके पर पहुंचीं और पूरी बिल्डिंग को घेर लिया। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने पहले आरोपी से बातचीत कर शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश की, लेकिन जब बातचीत बेअसर रही, तो पुलिस ने बाथरूम के रास्ते अंदर घुसकर रोहित को काबू करने की कोशिश की। इस दौरान हुई झड़प में पुलिस ने एनकाउंटर में रोहित को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई।
ऑडिशन के बहाने बच्चों को बुलाया
पुलिस के मुताबिक, गुरुवार दोपहर करीब 1:45 बजे सूचना मिली कि आरए स्टूडियो में कुछ लोगों को बंधक बनाया गया है। जांच में पता चला कि आरोपी रोहित आर्या ने ऑडिशन के नाम पर 17 किशोर लड़के और लड़कियों को बुलाया था, ताकि वह अपने मन की बात सोशल मीडिया और मीडिया के जरिए सामने रख सके।
बताया जा रहा है कि सभी बच्चे फिल्म या वेब सीरीज के ऑडिशन में हिस्सा लेने पहुंचे थे, लेकिन वहां पहुंचते ही रोहित ने दरवाजे बंद कर दिए और सबको बंधक बना लिया।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किया वीडियो
घटना से कुछ घंटे पहले रोहित आर्या ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने कहा था –
“मैं रोहित आर्या हूं। सुसाइड करने के बजाय मैंने एक योजना बनाई है और कुछ बच्चों को यहां बंधक बनाकर रखा है। मेरी ज्यादा मांगें नहीं हैं। मेरी बहुत ही साधारण और नैतिक मांगें हैं। मैं कुछ लोगों से बात करना चाहता हूं और उनके जवाब चाहता हूं। अगर मेरी बात नहीं सुनी गई, तो मैं स्टूडियो में आग लगा दूंगा।”
वीडियो में रोहित बार-बार इस बात पर जोर दे रहा था कि वह पैसे नहीं चाहता, बल्कि “कुछ लोगों से जवाब और न्याय चाहता है।” पुलिस का मानना है कि यह वीडियो उसकी मानसिक स्थिति और नाराजगी को साफ दर्शाता है।
17 Children Hostage in Mumbai: सफल रहा ऑपरेशन
मुंबई पुलिस के डीसीपी दत्ता नलवाडे ने बताया कि यह ऑपरेशन बेहद जोखिमभरा था क्योंकि अंदर 17 बच्चे फंसे हुए थे। उन्होंने कहा —
“हमारी प्राथमिकता बच्चों की जान बचाना थी। बातचीत के कई प्रयासों के बाद जब आरोपी ने हथियार नहीं छोड़ा, तो टीम ने अंदर घुसकर कार्रवाई की। इस दौरान रोहित आर्या को दाईं तरफ सीने में गोली लगी, जिससे उसकी मौत हो गई।”
पुलिस के इस ऑपरेशन को लेकर पूरे देश में उनकी सराहना की जा रही है। बंधक बनाए गए सभी बच्चे सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए और उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया।
आरोपी का अतीत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित आर्या खुद को फिल्म लेखक और क्रिएटिव कॉन्सेप्ट डिजाइनर बताता था। उसने सोशल मीडिया और कुछ मीडिया पोर्टलों पर पहले भी आरोप लगाए थे कि उसका आइडिया सरकार ने चुरा लिया है।
रोहित ने दावा किया था कि “माझी शाळा, सुंदर शाळा” योजना का कॉन्सेप्ट उसी ने तैयार किया था, जिसे महाराष्ट्र सरकार ने 2022 में लागू किया। उसने कहा था कि सरकार ने न सिर्फ उसका आइडिया बल्कि उसकी स्क्रिप्ट और फिल्म राइट्स तक का इस्तेमाल किया, पर उसे न तो क्रेडिट मिला, न ही भुगतान।
इसी बात से वह मानसिक रूप से परेशान चल रहा था और अपने “न्याय” की मांग को लेकर इस चरम कदम पर उतर आया।

रोहित का आखिरी वीडियो
17 Children Hostage in Mumbai: एनकाउंटर से पहले का रोहित का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में वह बेहद शांत लेकिन दृढ़ आवाज़ में अपनी बात रखता दिखा। उसने कहा था कि “मैं किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता, लेकिन अगर मेरी बात नहीं सुनी गई, तो मुझे कठोर कदम उठाना पड़ेगा।”
वीडियो देखकर यह साफ था कि वह पहले से यह सब प्लान कर चुका था। उसने “सुसाइड करने के बजाय” लोगों को बंधक बनाकर अपनी बात रखने का तरीका चुना, जो आखिरकार उसकी मौत की वजह बन गया।
पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया शव
एनकाउंटर के बाद रोहित आर्या के शव को जेजे हॉस्पिटल भेजा गया, जहां डॉक्टरों की टीम उसका पोस्टमार्टम करेगी। रिपोर्ट से यह स्पष्ट होगा कि उसे कितनी गोली लगी और मौत किस कारण से हुई।
इस बीच, मुंबई पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि “एनकाउंटर जरूरी था क्योंकि आरोपी ने कई बार धमकी दी थी कि वह बच्चों को नुकसान पहुंचा देगा।”
