मध्यप्रदेश में तीन चरण का मतदान हो चुका है। तीसेर चरण में पिछले लोकसभा चुनाव के बराबर वोटिंग हुई। लेकिन जिन मंत्रियों के लोकसभा क्षेत्र में वोटिंग परसेंट कम रहा वो डेंजर जोन में आ गए.क्योकि केंद्रीय मंत्री अमित शाह पहले ही चेतावनी दे चुके है. कि जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस खराब रही उनके खिलाफ कार्रवाई होगी
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कितने मंत्री रडार पर
MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री:शाह दे गए थे चेतावनी कम वोटिंग पर गिरेगी गाज,जा सकता है मंत्री पद बात तीसरे चरण की करे तो 9 लोकसभा सीटों से प्रदेश सरकार में 11 मंत्री आते हैं। इनमें से 8 मंत्री, अपनी अच्छी परफॉर्मेंस नहीं दे पाए।इनके विधानसभा क्षेत्र में हुई वोटिंग,लोकसभा सीट पर हुए औसत मतदान से कम रहा है।लेकिन इस बार अच्छा प्रदर्शन करने वाले विधायकों की संख्या में इजाफा हुआ है। 38 विधायकों में से 19 ऐसे हैं, जिनके क्षेत्र में संसदीय सीट के औसत से ज्यादा वोटिंग हुई है।
शाह की क्या थी चेतावनी?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दूसरे चरण के मतदान के पहले 25 अप्रैल को बीजेपी दफ्तर में प्रदेश के बड़े नेताओं की एक बैठक ली थी। बैठक में उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि जिन मंत्रियों के क्षेत्र में वोटिंग प्रतिशत कम होगा, उनका पद चला जाएगा। बदले में उन विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा, जिनके क्षेत्र में मतदान प्रतिशत बढ़ेगा।
MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री:मंत्रियों की सफाई
MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री: जिन मंत्रियों के क्षेत्र में कम मतदान हुआ है उन्होंने इसके लिए कई सारे कारण गिनाए हैं। वहीं, ज्यादा वोटिंग करवाने में सफल रहे विधायकों का कहना है कि कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा है। तीसरे चरण के चुनाव में ऐसे कितने मंत्री हैं, जिनके क्षेत्र में कम वोटिंग हुई है और जो शाह की चेतावनी के बाद डेंजर जोन में दिखाई देते हैं
शाह के वोटिंग टेस्ट ये मंत्री हुए फेल
तीसरे चरण में 11 मंत्रियों का वोटिंग टेस्ट हुआ। इनमें से 8 मंत्री इस टेस्ट में फेल हो गए। जबकि, 3 मंत्रियों ने उम्मीद से बेहतर काम कर दिखाया।
इन मंत्रियों का परफॉर्मेंस रहा खराब
MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री: मंत्री और हरसूद विधायक विजय शाह की बैतूल सीट पर 73.48 फीसदी वोट पड़े हैं। यहां से दुर्गादास उईके बीजेपी के प्रत्याशी हैं। इस सीट में आने वाली आठ विधानसभा सीटों में हरसूद पर सबसे कम वोटिंग हुई है।उनकी सीट पर 69.13 फीसदी वोटिंग हुई है, जो संसदीय सीट पर औसत मतदान से 5 फीसदी कम है।
MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री: मुरैना से सुमावली विधायक और मंत्री ऐदल सिंह कंषाना के क्षेत्र में 54 फीसदी वोटिंग हुई. मुरैना सीट की 8 विधानसभा में से 3 पर बीजेपी का कब्जा है। इस सीट पर वोटिंग के आंकड़े देखें तो सबसे कम सुमावली में 54.04 फीसदी मतदान हुआ है। यहां से एंदल सिंह कंसाना मोहन सरकार में कृषि मंत्री हैं।
MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री: ग्वालियर लोकसभा की 8 में से चार विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। इसमें से मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विधानसभा क्षेत्र ग्वालियर में औसत से 3.23 फीसदी कम वोटिंग हुई है। यहां 58.45 फीसदी वोटिंग हुई है।तो वही मंत्री नारायण कुशवाह की सीट पर औसत से 1 फीसदी से कम वोटिंग हुई।
भिंड-दतिया सीट में आठ विधानसभा में से चार सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। यहां से एक मात्र मेहगांव से विधायक राकेश शुक्ला मंत्री हैं। इस चुनाव में उनकी मेहगांव सीट पर लोकसभा में औसतन मतदान से 0.94 फीसदी कम वोटिंग हुई।
बात राजधानी भोपाल की करे तो लोकसभा सीट पर नरेला और गोविंदपुरा में औसत से कम वोटिंग हुई है। नरेला मंत्री विश्वास सारंग का क्षेत्र है, जहां औसत से 3.27 फीसदी वोट कम पड़े। वही गोविंदपुरा विधानसभा सीट से विधायक कृष्णा गौर हैं। जो पिछड़ा वर्ग राज्य मंत्री हैं। उनके क्षेत्र में 60.05 फीसदी वोटिंग हुई।
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MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री: इनको शाह की शाबासी
MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री: विदिशा लोकसभा सीट पर सबसे ज्यादा वोटिंग बुधनी में 81.54 फीसदी हुई। यहां से शिवराज सिंह चौहान विधायक हैं। जबकि औसत के हिसाब से देखें तो 4.17 फीसदी ज्यादा वोटिंग इछावर में हुई। इछावर मंत्री करण सिंह वर्मा का विधानसभा क्षेत्र है।
सागर सीट पर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की विधानसभा सुरखी में औसत से 1 फीसदी ज्यादा वोटिंग हुई। इसी तरह विधायक भूपेंद्र सिंह के क्षेत्र खुरई में 1. 31 फीसदी ज्यादा वोट पड़े। भूपेंद्र शिवराज सरकार में मंत्री रहे।
आखिरी चरण में 7 मंत्रियों की साख दांव पर
MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री: MP में डेंजर जोन में 8 मंत्री: अब 13 मई को चौथे चरण की आठ लोकसभा सीटों पर वोटिंग होना है। ये सभी सीटें मालवा-निमाड़ क्षेत्र की सीटें हैं। यहां से प्रदेश सरकार में 7 मंत्री आते हैं। मालवा निमाड़ की सीटों पर ज्यादा मतदान के लिए इंदौर के नेता पहले ही अलर्ट हो चुके हैं। 5 मई को इंदौर के बीजेपी कार्यालय में आला नेताओं की बैठक हुई, जिसमें वोटिंग पर्सेंट बढ़ाने को लेकर विचार मंथन हो चुका है।
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