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मोदी कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया!
मोदी सरकार ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय बुधवार को हुई बैठक में लिया गया और इस बिल को शीतकालीन सत्र में पेश करने की योजना है।
गुजरात में जल्दी चुनाव की संभावना
रिपोर्ट के अनुसार, कोविंद कमेटी की सिफारिशों के चलते, कुछ राज्यों में चुनाव का कैलेंडर बदल सकता है। इससे गुजरात समेत 6 राज्यों का कार्यकाल 13 से 17 महीने कम हो सकता है, जिससे गुजरात में एक साल पहले चुनाव होने की संभावना बन रही है।
प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में इस विचार का समर्थन किया था, यह कहते हुए कि बार-बार चुनाव देश के विकास में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने इस मुद्दे पर 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी थी।
रिपोर्ट में क्या
यह रिपोर्ट 18,626 पृष्ठों की है और इसमें 191 दिनों के शोध का परिणाम है। समिति ने 62 राजनीतिक दलों से संपर्क किया, जिनमें से 32 दलों ने इस विचार का समर्थन किया, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया।
एक साथ चुनाव के कई फायदे हैं
– खर्च में कमी: चुनाव के दौरान करोड़ों रुपये की बचत।
– विकास पर ध्यान: चुनावी गतिविधियों पर नहीं, बल्कि विकास पर ध्यान केंद्रित होगा।
– निरंतर आचार संहिता से मुक्ति: इससे सरकार को काम करने में रुकावट नहीं होगी।
– काले धन पर अंकुश: चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
एक साथ चुनाव उद्देश्य की महत्ता
इस पहल का उद्देश्य 2029 तक एक साथ चुनाव कराने का है, जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा और विकास को गति प्रदान करेगा।
आइए, हम सब मिलकर इस महत्वपूर्ण परिवर्तन का हिस्सा बनें, क्योंकि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” केवल एक राजनीतिक कदम नहीं, बल्कि भारत के भविष्य के लिए एक उम्मीद है।
Implement One Country And One Election In India