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क्या है गुप्त नवरात्रि का रहस्य
Gupt Navratri: वैसो तो आप सभी की जानकारी में दो ही नवरात्रि होती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि के अलावा भी 2 और गुप्त नवरात्रि होती है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार गुप्त नवरात्रि साल में दो बार माघ और आषाढ़ माह में आती है. इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो गई है.इस गुप्त नवरात्रि में गुप्त साधना का विशेष महत्व माना गया है.
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गुप्त नवरात्रि की साधना का विशेष फल साधक को प्राप्त होता है. शास्त्र के विद्वानों ने इन दो नवरात्रियों को गुप्त रखा है, क्योंकि ब्राह्मण, पंडित और शास्त्र के विद्वान शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि में अपने जजमानों के पूजापाठ और साधना करवाने में व्यस्थ रहते हैं, लेकिन स्वयं की साधना के लिए इन विद्वानों को समय नहीं मिल पाता है. इसलिए वर्ष में दो बार आने वाली इन गुप्त नवरात्रियों में साधक मां की आराधना और साधना करते हैं.
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शास्त्र के जानकार बताते हैं कि गुप्त नवरात्रि में की गई साधना का विशेष फल प्राप्त होता है. खासकर ब्राह्मणों ने इसे अपने शुद्धिकरण और आध्यात्मिक रिचार्ज के लिए हमेशा से ही गुप्त रखा है. जैसा की इन नवरात्रियों के नाम से ही समझ आता है. इन्हें आम साधकों से छुपाया गया है.
गुप्त नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्रि के त्यौहार की तरह ही घट स्थापना और विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं. बस इसमें बिना हर्ष उल्लास और बिना दिखावे के पूजा पाठ किया जाता है. अपनी साधना को गुप्त रखने से नवरात्रि में साधना का विशेष फल प्राप्त होता है.
गुप्त नवरात्रि में ही होती है रहस्यमई साधना
इन दोनों नवरात्रियों को रहस्यमई साधना से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन गुप्त नवरात्रि वर्ष भर जजमानों के लिए व्यस्त रहने वाले ब्राह्मण और पंडितों की शक्ति की आराधना करने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है. हालांकि आम साधक भी इस दौरान 9 दिनों तक माता की आराधना कर विशेष फल प्राप्त करते हैं.