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भविष्य की रफ्तार: अत्याधुनिक पीपीआर को न्यूक्लियर फ्यूजन पावर से मिलेगी ऊर्जा
Future rocket नासा बना रही है नए सिस्टम वाला रॉकेट, मंगल यात्रा दो साल के बजाय दो महीने में पूरी होगी।
विज्ञान फंतासी बदल जाएगी हकीकत में
नासा का कहना है कि पीपीआर से एक अलग किस्म की विज्ञान फंतासी हकीकत में बदलने वाली है। इंसान अंतरिक्ष के सफर में कम समय बिताएगा। इससे स्पेस रेडिएशन व माइक्रोग्रैविटी के संपर्क में आने की अवधि कम होगी।
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Future rocket: मानव मिशन के लिए
Future rocket: कई स्पेस एजेंसियां मंगल पर मानव मिशन भेजने की तैयारी में जुटी हैं। नासा की योजना 2030 तक मंगल पर इंसानों को भेजने की है। पीपीआर प्रोजेक्ट को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। मानव मिशन के लिए ऐसे प्रोपल्शन की जरूरत है, जो बड़े पेलोड को तेजी से सौरमंडल में ले जा सके।
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मंगल ग्रह पर पहुंचने में 24 माह लगते हैं
वॉशिंगटन. अंतरिक्ष यान को अभी पृथ्वी से मंगल ग्रह पर पहुंचने में 22 से 24 माह लगते हैं। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी ऐसा रॉकेट बनाने जा रही है, जो सिर्फ दो माह में यान वहां पहुंचा देगा। रॉकेट का नाम पल्स्ड प्लाज्मा रॉकेट (पीपीआर) होगा। नासा ने इस प्रोजेक्ट के लिए अमरीका की एक अनुसंधान और निर्माण कंपनी को फंडिंग दी है।
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नासा का कहना है कि पीपीआर का प्रोपल्शन सिस्टम अत्याधुनिक होगा। रॉकेट को न्यूक्लियर फ्यूजन पावर सिस्टम से ऊर्जा मिलेगी। एटम तोड़ने पर भारी ऊर्जा पैदा होगी, जिससे रॉकेट तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगा। पीपीआर दूसरे रॉकेटों से छोटा और किफायती होगा।