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10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस पर बोले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री
उत्तराखंड को योग और आयुष की भूमि बताते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित होने वाली 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को आयुर्वेद के क्षेत्र में राज्य को नई पहचान दिलाने का प्रयास बताया।
उन्होंने कहा कि 12 से 15 दिसंबर तक आयोजित होने वाले इस वैश्विक आयोजन में होने वाले चिंतन, मंथन और चर्चा से निकलने वाला अमृत आयुर्वेद के क्षेत्र में भारत ही नहीं बल्कि दुनिया को जागृत करने का काम करेगा।
कोरोना के दौरान लोगों ने आयुर्वेद के प्रभाव को देखा
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों ने आयुर्वेद और आयुष के प्रभाव को देखा है। सोमवार को मीडिया सेंटर सचिवालय में 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के कर्टेन रेजर और कार्यक्रम मार्गदर्शिका का विमोचन करते हुए सीएम धामी ने कहा कि यह आयोजन सर्वे संतु निरामया: के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने में भी सहायक होगा।
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड अपनी प्राकृतिक संपदा, औषधीय पौधों और शांत हिमालयी वातावरण के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस वैश्विक आयुर्वेद कांग्रेस में 58 देशों के 300 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। देश भर से 6500 प्रतिनिधियों और 2 लाख आगंतुकों के साथ यह आयोजन ज्ञान और सहयोग का एक अनूठा मंच बनेगा।
उत्तराखंड का मंडप- राज्य के 8 विभागों आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, स्वास्थ्य, कौशल विकास, पर्यटन, उद्योग, बागवानी और ग्रामीण विकास के स्टॉल एकीकृत तरीके से उत्तराखंड को आयुर्वेद और वेलनेस पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में बढ़ावा देने में मदद करेंगे। यह आयुर्वेद के लाभों और आधुनिक तकनीक के साथ इसके एकीकरण के बारे में जागरूकता फैलाएगा और आयुर्वेद के क्षेत्र में ज्ञान साझा करने, अनुसंधान सहयोग और व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देगा। यह आयोजन उत्तराखंड और भारत में आयुष क्षेत्र के विकास और प्रगति में भी योगदान करने में मदद करेगा
आयुष नीति के माध्यम से आयुष विनिर्माण, वेलनेस, शिक्षा और कृषि क्षेत्र को गति
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आयुष नीति के माध्यम से आयुष विनिर्माण, वेलनेस, शिक्षा और कृषि क्षेत्र को गति दी जा रही है। देश की पहली योग नीति बनाने का काम भी प्रगति पर है। राज्य में टिहरी/कोटद्वार/टनकपुर में 50 बिस्तरों वाले 3 नए आयुष अस्पतालों का निर्माण कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 300 आयुष आधारित आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की स्थापना पूरी हो चुकी है। सभी आयुष अस्पतालों में टेलीमेडिसिन/पंचकर्म/मर्म चिकित्सा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य में 150 से अधिक आयुष अस्पतालों को एनएबीएच मान्यता प्राप्त हो चुकी है।
150 से अधिक आयुष अस्पतालों को एनएबीएच मान्यता प्राप्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और ज्ञान की भूमि रही है। हमारे ऋषि-मुनियों ने इस दिशा में गहन शोध कर हमें यह पद्धति दी है। हमारे राज्य की जलवायु औषधीय पौधों के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। आयुर्वेद का विषय सिर्फ राज्य का नहीं बल्कि हिमालय और वनों का भी है। हम अपने राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने और आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं।