Covishield and Controversy: भले ही कोरोना से देश को उबरे हुए वक्त हो चुका है लेकिन अब इसको लेकर नया विवाद छिड़ गया है. कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की कोर्ट में माना… कि उनकी वैक्सीन से खतरनाक साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. भारत में यही वैक्सीन कोविशील्ड नाम से बड़ी संख्या में लोगों को लगाई गई है. इस बीच कोविड-19 वैक्सीन के कोविन सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर को हटा दिया गया है. जिस पर विवाद बढ़ गया है. लोकसभा चुनाव के दौरान इस तरह पीएम की तस्वीर हटाना सवालों में घिर गया है. सोशल मीडिया से लेकर विपक्षी दलों तक का अलग-अलग रिएक्शन देखने को मिल रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं…शुरू से लेकर अब तक क्या है पूरा विवाद, वैक्सीन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर हटाने का असली कारण और कोविशील्ड लगवाने वालों को कितना रहना चाहिए सावधान?
Contents
- 1 Covishield and Controversy: कहां से हुई विवाद की शुरुआत
- 2 Covishield and Controversy: पहला केस
- 3 ब्रिटेन की कंपनी का भारत से क्या कनेक्शन है ?
- 4 Covishield and Controversy: कोराना वैक्सीन और पीएम मोदी
- 5 वैक्सीन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर क्यों हटी?
- 6 पहले भी हटाई गई थी PM की फोटो
- 7 क्या भारत में कोवीशील्ड लगवाने वालों को डरने की जरूरत है?
- 8 क्या एक्टर श्रेयश तलपड़े को कोवीशिल्ड की वजह से आया था हार्टअटेक ?
Covishield and Controversy: कहां से हुई विवाद की शुरुआत
ब्रिटेन की फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने माना है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. हालांकि ऐसा बहुत ही रेयर मामलों में हो रहा है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट में बताया गया कि, एस्ट्राजेनेका पर सबसे गंभीर आरोप है कि उसकी वैक्सीन लगवाने के बाद कई लोगों की मौत हो गई है. कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. कंपनी के खिलाफ ब्रिटिश हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं।
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Covishield and Controversy: पहला केस
Covishield and Controversy: 2023 में UK के रहने वाले जेमी स्कॉट की पत्नी ने दर्ज करवाया था. उनका आरोप था कि 23 अप्रैल, 2021 को जेमी ने कोवीशील्ड की डोज ली थी. उसके बाद उन्हें वैक्सीन इंड्यूस्ड थ्रोम्बोसाइटोपेनिया यानी VITT नाम की बीमारी हो गई. उनके ब्रेन में ब्लीडिंग हुई, खून का थक्का जमा और ब्रेन डैमेज हो गया. तब एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट के दावे को नकार दिया था। लेकिन इसके बाद एक के बाद एक केस दर्ज हुए और आखिरकार 3 साल बाद एस्ट्राजेनेका ने खुद ही इसके साइड इफेक्ट्स को स्वीकार कर लिया. ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा दस्तावेजों में कंपनी ने माना कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है. इस बीमारी में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या काफी ज्यादा गिर जाती है. जिसके बाद पीड़ित करीब 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांग रहे हैं.
ब्रिटेन की कंपनी का भारत से क्या कनेक्शन है ?
Covishield and Controversy: एस्ट्राजेनेका कंपनी की वैक्सीन को भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है. सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के फॉर्मूले से ही कोविशील्ड को मैन्युफैक्चर किया गया था. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन को बनाया गया था. कोराना पैनडेमिक के दौरान देश में कोविशील्ड के डोज सबसे ज्यादा लगाए गए थे. इसका आंकड़ा करीब 175 करोड़ है.
Covishield and Controversy: कोराना वैक्सीन और पीएम मोदी
भारत में वैक्सीन लगवाने वालों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी प्रमाणपत्रों पर पीएम मोदी की तस्वीर लगी है. जिस पर एक स्लोगन भी है- ‘साथ मिलकर भारत कोविड 19 को हरा देगा’। अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि जब कोविशील्ड वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की बात कंपनी ने मानी…तो लोगों ने इसके सर्टिफिकेट पर अपना स्टेटस चेक किया, जिसमें उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नहीं दिखी । जिसके बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई. कुछ लोगों ने इसे कोविशील्ड के साइड इफेक्ट्स से भी जोड़ा, विपक्षी दलों ने इस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. जिसके बाद विवाद ने नया मोड़ ले लिया.
वैक्सीन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर क्यों हटी?
Covishield and Controversy: कोविन वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से जब पीएम मोदी की तस्वीर हटाने का मामला गरमाया तो परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस पर जवाब आया…. द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय का कहना है कि लोकसभा चुनाव को लेकर लगाई गई आचार संहिता की वजह से कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से पीएम मोदी की तस्वीर हटाई गई है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब प्रधानमंत्री की तस्वीर को सर्टिफिकेट से हटाया गया हो, इससे पहले 2022 में यूपी, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनकी फोटो को हटा दिया गया था. तब चुनाव आयोग के आदेश पर यह कदम उठाया गया था.
पहले भी हटाई गई थी PM की फोटो
Covishield and Controversy: कोविन वैक्सीनेसन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर का विवाद बड़ा पुराना है. इसे लेकर 2021 में मामला केरल हाईकोर्ट तक पहुंचा था। दलील दी गई… कि दूसरे देशों में प्रधानमंत्री की तस्वीर इस पर नहीं है. जिसके जवाब में न्यायमूर्ति पीवी कुनिकृष्णन ने कहा था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि विदेशों में उनके प्रतिनिधियों की तस्वीरें हैं या नहीं. उन्हें अपने प्रधानमंत्रियों पर गर्व नहीं हो सकता लेकिन हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है.
क्या भारत में कोवीशील्ड लगवाने वालों को डरने की जरूरत है?
Covishield and Controversy: हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में कोवीशील्ड की वैक्सीन लगवाने वालों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इसके साइड इफेक्ट्स के कुछ मामले सिर्फ यूरोप तक ही सीमित हैं लेकिन भारत या एशिया में अब तक ऐसे मामले देखने को नहीं मिले हैं. कई बार किसी वैक्सीन या बायोलॉजिकल पदार्थ का असर इथनेसिटी यानी किसी एक इलाके या समुदाय के लोगों पर ही निर्भर करता है. इसलिए हो सकता है कि सिर्फ यूरोप में ही ऐसे मामले आए, जबकि भारत या एशिया में ऐसा नहीं दिखा है.
क्या एक्टर श्रेयश तलपड़े को कोवीशिल्ड की वजह से आया था हार्टअटेक ?
Covishield and Controversy: हाल ही में एक्टर श्रेयश तलपड़े को दिल का दौरा पड़ा था, लेहरन मेट्रो में हुए एक इंटरव्यु में श्रेयश ने इशारों- इशारों में कोविशिल्ड को हार्टअटेक का कारण बताया।