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इज्तिमा ग्राउंड पर कब्जे को लेकर विवाद
मंगलवार को बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 40 किलोमीटर दूर टोंगी शहर में इज्तिमा के आयोजन को लेकर मौलानाओं के दो समूहों के बीच हंगामा हो गया था। भारत के मौलाना साद और बांग्लादेश के मौलाना जुबैर के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इस लड़ाई में चार लोगों की मौत हो गई है, इसके अलावा 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
पुलिस के अनुसार, दोनों पार्टियों ने सात लोगों की मौत का दावा किया है। प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है और इलाके में जवानों की तैनाती कर दी है। टोंगी में झड़प के बाद घायलों को ढाका के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां एक बार फिर दो गुटों में झड़प हो गई।
20 दिसंबर से टोंगी मैदान में पांच दिवसीय इज्तिमा का आयोजन
बांग्लादेश पुलिस के मुताबिक, मौलाना साद (सद्पंती) के समर्थक शुक्रवार 20 दिसंबर से टोंगी मैदान में पांच दिवसीय इज्तिमा का आयोजन करना चाहते हैं। मौलाना जुबैर के समर्थक नहीं चाहते कि उनकी जमात यहां हो। जिसके चलते जुबैर के समर्थकों ने पहले ही इज्तिमा मैदान पर कब्जा कर लिया था।
मौलाना साद के समर्थक मंगलवार तड़के 3.30 बजे मैदान में पहुंच गए। इसके बाद झड़प शुरू हो गई। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद जुबैर समर्थक टोंगी इज्तिमा को एक चरण में करने की मांग कर रहे हैं, जो दो चरणों में होने वाला था।
जुबैर के समर्थकों ने आरोप लगाया कि हसीना की पार्टी ने मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करने के लिए दो चरणों में इज्तिमा शुरू किया था। उधर, जुबैर समर्थकों ने मौलाना साद के समर्थकों पर भारत का एजेंट होने का आरोप लगाया है। साद के समर्थकों के खिलाफ रैलियां अक्टूबर में शुरू हुई थीं।
कौन हैं मौलाना साद?
मौलाना मोहम्मद साद कांधलवी एक भारतीय मुस्लिम विद्वान और उपदेशक हैं। वह तबलीगी जमात के संस्थापक मोहम्मद इलियास कांधलवी के परपोते हैं। मौलाना साद तबलीगी जमात के निजामुद्दीन गुट का प्रमुख है।
मौलाना साद को 2017 में अखिल भारतीय और टोंगी इज्तिमा (बांग्लादेश) के प्रमुख के रूप में चुना गया था। इसके बाद मौलाना साद और जुबैर के पक्षकारों के बीच विवाद शुरू हो गया। 2011 से, इज्तिमा दो चरणों में टोंगी में आयोजित किया गया है। पहले मौलाना जुबैर के समर्थक और बाद में मौलाना साद के समर्थक इज्तिमा का आयोजन करते हैं।