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चीन में मस्जिदों में तेजी से बदलाव किए जा रहे हैं
Mosque Shadian: पिछले कुछ वर्षों में, चीन में मस्जिदों को लेकर कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इन बदलावों ने देश में मुस्लिम समुदाय के बीच चिंता पैदा कर दी है। सबसे बड़े बदलाव इस्लाम से जुड़े धार्मिक प्रतीकों को हटाना है। कई मस्जिदों से गुंबद, मीनारें और अर्धचंद्र जैसे इस्लामी प्रतीकों को हटा दिया गया है। इन पर चीनी झंडे और राष्ट्रीय प्रतीकों को लगाया जा रहा है। इन प्रतीकों को मस्जिदों के अंदर और बाहर लगाया जा रहा है।
Mosque Shadian: इस्लामी शिक्षा पर नियंत्रण
चीन सरकार ने इस्लामी शिक्षा पर नियंत्रण लगा दिया है। सरकार ने मदरसों और अन्य इस्लामी शिक्षण संस्थानों पर नियंत्रण कड़ा कर दिया है। इमामों की नियुक्ति में भी सरकार का हस्तक्षेप है सरकार अब यह तय करती है कि कौन से इमाम मस्जिदों में प्रार्थना करवा सकते हैं। चीन में इस्लामिक धार्मिक ग्रंथों पर पाबंदी है। कुछ इस्लामी ग्रंथों को प्रतिबंधित कर दिया गया है और उनकी बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी गई है।
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शादियान की यह मस्जिद (Mosque Shadian) चीन की सबसे बड़ी मस्जिद है, जो चीन के दक्षिण-पश्चिमी युन्नान सूबे के छोटे से शहर में स्थित है। शादियान से 100 मील से भी कम दूरी पर स्थित युन्नान की अन्य ऐतिहासिक मस्जिद नाजियायिंग से भी हाल ही में नवीकरण के नाम पर इसकी इस्लामी विशेषताओं को हटा दिया गया था।
धार्मिक अल्पसंख्यक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
Mosque Shadian: इन बदलावों के पीछे सबसे बड़ी वजह चीन सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों का नियंत्रण करना है। सरकार का मानना है कि धार्मिक अल्पसंख्यक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। सरकार देश में इस्लाम का भी “चीनीकरण” करना चाहती है। सरकार इस्लाम को चीन की संस्कृति और मूल्यों के अनुरूप ढालना चाहती है। सबसे ज्यादा उइगर मुसलमानों पर कार्रवाई होती है। चीन सरकार उइगर मुसलमानों पर कड़ी कार्रवाई कर रही है, जिनकी संख्या लाखों में है।
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इन बदलावों का मुस्लिम समुदाय में डर और गुस्सा पैदा हो गया है। इस देश में धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध है। मुसलमानों को अपनी धार्मिक प्रथाओं का पालन करने की स्वतंत्रता कम महसूस हो रही है। मुसलमानों को लगता है कि उनकी सांस्कृतिक पहचान खतरे में है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि चीन में मस्जिदों को लेकर ये बदलाव भविष्य में क्या रुख लेंगे। कुछ का मानना है कि सरकार धीरे-धीरे इन प्रतिबंधों को कम करेगी, जबकि अन्य का मानना है कि यह मुस्लिम समुदाय पर नियंत्रण कड़ा करने की सरकार की रणनीति का हिस्सा है।
सरकार ने 75% मस्जिदों की पहचान मिटा दी
चीनी सरकार ने 2018 में ’इस्लाम के चीनीकरण’ पर एक पंचवर्षीय योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य विदेशी वास्तुकला शैली का विरोध करना और चीनी विशेषता वाली इस्लामिक वास्तुकला को बढ़ावा देना है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एक मेमो में अधिकारियों को धार्मिक स्थलों के लिए ’निर्माण कम करने और अधिक गिराने के सिद्धांत का पालन करने’ को कहा गया था। तब से चीन में 2,300 से अधिक मस्जिदों में से तीन-चौथाई पर कार्रवाई हो चुकी है।
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चीन में लोगों के विरोध के बावजूद इस्लामिक शैली की विशेषताओं को बरकरार रखने वाली आखिरी प्रमुख मस्जिद के गुंबद भी तोड़ दिए गए हैं। मस्जिदों का चीनीकरण के नाम पर उनसे अरबी शैली में बनी मीनारें हटवाई गई हैं। Mosque Shadian उसकी जगह चीनी वास्तुकला की छत निर्मित कर दी गई है। मस्जिद के ऊपर लगे अर्धचंद्र और हरी टाइलों का भी स्वरूप बदल दिया गया है।