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दर्शन के इंतजार में 10 की मौत,सिस्टम की फूली सांसे
Char Dham yatra:अगर अभी आप चार यात्रा की सोच रहे हैं तो इसे फिलहाल टाल दे.क्योकि उत्तराखंड के गंगोत्री-यमुनोत्री धामों पर रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के चलते सरकारी तंत्र की व्यवस्थाएं चरमरा गई है। आलम ये है कि हरिद्वार से आगे बढ़ते ही 170 किमी दूर बरकोट तक 45 किमी लंबा जाम लगा हुआ है,और यात्री 25 घंटे से ज्यादा समय से रास्ते में फंसे हुए है. उत्तरकाशी का 30 किमी का रूट वन-वे है, इसलिए मंदिर से लौट रही गाड़ियां पहले निकाली जा रही हैं। मंदिर जाने वाली गाड़ियों का नंबर 20-25 घंटे बाद आ रहा है।
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Char Dham yatra: पिछले चार दिन में ही यमुनोत्री-गंगोत्री जा रहे 10 लोग रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं। इनमें 5 की जान मंगलवार को गई। तीन ऐसे हैं, जिन्होंने गाड़ी में दम तोड़ दिया। जिन 10 श्रद्धालुओं की मौत हुई, उन सभी की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी।
Char Dham yatra: यात्रियों के लिए न रुकने का ठिकाना, न खाने-पीने की व्यवस्था
गंगोत्री जाते वक्त उत्तरकाशी से 20 किमी आगे बढ़ते ही सड़क किनारे बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग आराम करते दिखने लगेंगे। यहां न खाने का ठिकाना है और न रुकने का। यात्रा के बीच रास्ते में मिलने वाले लोग पानी की बोतल के 30 से 50 रु. तो शौचालय उपयोग का 100 रु. तक ले रहे हैं।
सड़कों पर गुजर रही रातें
भारी भीड़ के चलते और भारी काफिले के बीच लोग कई घंटों से जाम में फंसे हैं। लोगों का पैसा बर्बाद हो रहा है, टैक्सी का किराया भी लगभग दोगुना देना पड़ रहा है.इसलिए कई लोग यात्रा से वापस लौट रहे है.
Char Dham yatra: 4 दिन में इतने लोग पहुंचे
पिछले चार दिन की बात कर तो 1.30 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे, पिछले साल 16 दिन में इतने लोग गए थे
क्या है चार धाम यात्रा का महत्व
Char Dham yatra: पौराणिक ग्रंथों के मुताबिक चार धाम यात्रा 1200 साल से हो रही है, लेकिन पहली बार इतने श्रद्धालु पहुंचे हैं। पिछले साल यमुनोत्री, गंगोत्री के कपाट 22 अप्रैल तो केदारनाथ के 25 अप्रैल और बद्रीनाथ के 27 अप्रैल को खुले थे। तब यात्रा के शुरुआती पांच दिनों में 52 हजार लोग ही पहुंचे थे। इस बार चार दिन में 1.30 लाख से ज्यादा लोग पहुंच चुके हैं। 2023 में इतने लोग 16 दिन में पहुंच पाए थे।