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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 3 EMI में एक खास कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान किया। इस कार्यक्रम में 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख युद्ध कला का शानदार प्रदर्शन किया। जवानों के जज्बे को देखकर सीएम खुद को रोक नहीं पाए और मंच से उतरकर उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं। इस मौके पर सुदर्शन चक्र कोर के कमांडर लेफ्टीनेंट जनरल प्रीतपाल सिंह ने कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों का अनुभव आज के जवानों के लिए बहुत कीमती है।
मुख्यमंत्री रखते हैं सकारात्मक सोच- सेना अधिकारी
मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि सीएम डॉक्टर मोहन यादव हमेशा सकारात्मक सोच रखते हैं और कल्याणकारी कामों के लिए तत्पर रहते हैं।
मध्य प्रदेश के वीरों ने दिए इतने चक्र
कार्यक्रम में भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश वीरता की धरती है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश ने देश को 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र दिए हैं। पिछले 25 सालों में 100 से ज्यादा जवानों ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। उन्होंने सभी भूतपूर्व सैनिकों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजी. पढ़ाई में आरक्षण
मध्यप्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ और अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों में आरक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही, सरकारी नौकरियों में ग्रुप सी और डी पदों पर भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण प्रदान किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा सैनिकों को भूमि प्राप्ति में भी आरक्षण की सुविधा दी जा रही है।
सैनिक कल्याण के लिए मध्यप्रदेश की पहल
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश सैनिक कल्याण में अग्रणी है और सेवारत तथा सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युद्ध और सैनिक कार्रवाई में शहीद होने वाले सैनिकों के आश्रितों को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। साथ ही, शहीदों के आश्रितों को शासकीय सेवाओं में विशेष नियुक्ति भी दी जाती है। सहायता राशि का आधा हिस्सा शहीद की पत्नी को और शेष माता-पिता को दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, शहीदों के माता-पिता को दी जाने वाली मासिक पेंशन को 10 हजार रुपये और शहीदों की पुत्रियों एवं बहनों के विवाह पर आशीर्वाद राशि 51 हजार रुपये कर दी गई है।