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भोलेनाथ को घर छोड़ने आए गोपाल जी
भस्म आरती में हुए शामिल
MP NEWS: महाकाल की नगरी उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी को भगवान महाकाल ने भगवान विष्णु को सृष्टि का भार सौंपा. इसके बाद पालकी में विराजित भगवान महाकाल वापस मंदिर लौटे। इस दौरान गोपाल जी भी परछाई स्वरुप में उन्हें छोड़ने मंदिर तक आए।
MP NEWS: बाबा भोलेनाथ ने भगवान विष्णु को सौंपा सृष्टि का भार
गुरुवार को आधी रात को हरि-हर मिलन हुआ। रात करीब 11 बजे महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर के लिए निकली। हरि-हर मिलन के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में जुटे। जहां हरि यानी विष्णु का हर यानी शिव से मिलन हुआ।
MP NEWS: ऐसे हुआ हरि-हर मिलन
महाकाल की ओर से द्वारकाधीश गोपालजी को बिल्वपत्र की माला और द्वारकाधीश गोपालजी की ओर से महाकाल को तुलसी पत्र की माला धारण करवाई गई। इसके बाद महाआरती हुई। पूजन, अर्चन के बाद महाकालेश्वर की सवारी देर रात वापस महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पहुंची।
MP NEWS: गोपाल जी, भस्म आरती में हुए शामिल
महाकाल मंदिर के पुजारी ने गोपाल जी के महाकाल मंदिर तक साथ आने के बारे में बताया कि हरिहर मिलन के बाद जब भगवान महाकाल पालकी में विराज कर वापस मंदिर आते हैं, तो उनके साथ गोपाल जी भी परछाई स्वरूप में उन्हें घर छोड़ने आते हैं। इस दौरान भगवान महाकाल की ओर से भी भस्म आरती में गोपाल जी का वैसा ही स्वागत होता है, जैसा गोपाल मंदिर में भगवान महाकाल का किया जाता है।
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