
नक्सलियों को हथियार बेचने वाले तस्करों पर पुलिस मेहरबान
Ak 47 Missing : जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से कुल 98 एके-47 गायब हो गई थीं। इनमें से 21 को ही जब्त किया गया है। 77 अभी भी लापता हैं। इसके अलावा पुलिस की मेहरबानी से तस्कर अभी भी हथियार बेच रहे हैं। 6 साल बाद भी बिहार-झारखंड के अपराधियों और नक्सलियों को बेची गई एके-47 बरामद नहीं हो सकी हैं.

बिहार के मुंगेर, भागलपुर, गया, पटना और झारखंड में नक्सलियों को हथियार बेचे जाने की सूचना के बावजूद पुलिस गंभीर नहीं है। सभी आरोपियों को जमानत मिल गई क्योंकि पुलिस को आरोप पत्र दायर करने में 90 दिनों के बजाय 180 दिन लग गए। साफ है कि एके-47 बेचकर तस्करों ने अवैध संपत्ति बनाई है, लेकिन मामले की जांच ईडी या ईओयू को नहीं सौंपी गई है। तत्कालीन एसपी ने सभी आरोपियों की संपत्तियों की जांच के आदेश दिए थे।
जांच अधिकारी ने परवाह नहीं की
अवैध हथियार बनाने के लिए बदनाम मुंगेर 2018 में एके-47 में छेड़छाड़ को लेकर सुर्खियों में आया था। यहां पता चला कि जबलपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से एके-47 चोरी कर मुंगेर को बेची जा रही थी।
डीआईजी के आईओ को बदलने के आदेश में लापरवाही
इस मामले में उप-विभागीय पुलिस अधिकारी को मामले के आईओ का प्रभार लेने का भी निर्देश दिया गया। एसडीपीओ ने 14 अक्टूबर, 2018 को मामले के आईओ को उपरोक्त घोटाले का आरोप सौंपने का निर्देश दिया था, लेकिन इसमें भी धांधली हुई थी। कागजों पर सिर्फ आईओ को बदला गया लेकिन जांच की जिम्मेदारी एसआई के पास रही।
एनआईए ने धारा 164 के तहत दर्ज किया बयान : ऐसे में धारा 164 के तहत कोर्ट में जबलपुर सीओडी फैक्ट्री के स्टोरकीपर सुरेश ठाकुर का बयान इस घोटाले के आरोपियों की मुश्किलें बढ़ाएगा। इसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह स्टोर सुपरिंटेंडेंट सुशील कुमार रिटायर्ड फौजी पुरुषोत्तम लाल रजक से मिलते थे। फैक्ट्री से कुल 98 एके-47 निकालकर पुरुषोत्तम लाल रजक को बेच दिए गए