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वर्ष में एक बार नागपंचमी पर देश भर से दर्शन करने Narmadapuram आते हैं श्रद्धालु
नर्मदापुरम. धार्मिक नगरी नर्मदापुरम (Narmadapuram) की पहचान मां नर्मदा के सेठानीघाट से ज्यादा है. लेकिन इसके अलावा यहां और मंदिर भी हैं। जो देशभर में प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक है कोठीबाजार में चौरे गली स्थित चंद्रनागेश्वर बाबा का मंदिर। यहां नागदेवता के बारह जोड़े की प्रतिमा विराजमान है।
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Narmadapuram: धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन
सावन माह में यहां नाग चंद्रेश्वर के नीचे शिवालय में विराजमान भगवान भोलेनाथ की रोजाना सुबह पूजन-अभिषेक और आरती होती है। पूरे सावन माह यहां विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन भी जारी रहता है।
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भोले के भगत देशभर से यहां उमड़ आते हैं। सावन माह में यहां रोजाना सुबह रुद्राभिषेक चलता है। जो पूर्णिमा तक जारी रहता है। मंदिर के पुजारी पंडित चेतन चौबे ने बताया कि ब्रह्मलीन पं. प्रकाश चंद्र चौरे ने करीब 25 साल पहले यह मंदिर बनवाया था। तब से लेकर अभी तक यहां हर बड़े तीज-त्यौंहारों पर भव्य उत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
यहां नर्मदा जयंती, हनुमान जयंती के साथ नवरात्र बड़े स्तर पर मनाया जाता है। मंदिर में व्यवस्था की जिम्मेदारी बतौर उत्तराधिकारी मीत चौरे संभालते हैं।
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कोलकाता के मूर्तिकार गढ़ते प्रतिमाएं
नवरात्र के भव्य धार्मिक अनुष्ठान-उत्सव के लिए Narmadapuram मंदिर में कोलकाता के मूर्तिकार-कलाकार श्रावण माह में यहां आते हैं, जो नवरात्र तक यहीं रहकर मां आदिशक्ति के विभिन्न आकर्षक रूपों को आकार देते हैं। यहां मां दुर्गा की 108 प्रतिमाएं विराजमान की जाती हैं। जिसमें मां दुर्गा, मां लक्ष्मी, सरस्वती सहित अन्य प्रतिरूप के हजारों भक्त साक्षात दर्शन करने आते हैं। बता दें कि पूरे अंचल में शिवरात्रि और नवरात्र का उत्सव भव्य रूप से मनाया जाता है।