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देशभर में 140 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
एक पेड़ मां के नामः ये अभियान भारत में पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को अपनी मां के नाम पर पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना है, जिससे पर्यावरण के प्रति एक भावनात्मक जुड़ाव भी पैदा हो सके।
इस अभियान के तहत देशभर में करोड़ों पौधे लगाए जा चुके हैं और यह अभियान 140 करोड़ पेड़ लगाने के लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
पौधरोपण में भावनात्मक जुड़ाव होने से हर व्यक्ति अपनी मां के नाम पर एक पेड़ लगाए, जिससे लोगों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और लगाव बढ़ेगा .
MP में वृक्षारोपण का लक्ष्य
मध्य प्रदेश सरकार ने इस अभियान के तहत 5.5 करोड़ पेड़ लगाने का निर्णय लिया है, और यह अभियान पूरे प्रदेश में तेजी से चल रहा है .
यह अभियान न केवल वृक्षारोपण को बढ़ावा देता है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के खिलाफ भी एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल को “मां के प्रति श्रद्धांजलि” के रूप में देखा है, जो पर्यावरण की रक्षा के लिए एक आवश्यक कदम है ].
मध्य प्रदेश में अभियान की प्रगति
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अभियान का शुभारंभ किया और भोपाल में 12 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने जंबूरी ग्राउंड पर पौधरोपण कर इस कार्यक्रम की शुरुआत की. भोपाल में एक दिन में 12 लाख पौधे लगाए गए, जो इस अभियान की सफलता को दर्शाता है . प्रदेश की पुलिस इकाइयों में 1.25 लाख पौधे रोपे गए हैं. भोपाल में 480 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिससे शहर को हरा-भरा बनाने में मदद मिलेगी.
बड़ी संख्या में पौधारोपण सामुदायिक भागीदारी से हो रहा है. इस अभियान में स्कूलों, समुदायों और विभिन्न संगठनों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे वृक्षारोपण की जिम्मेदारी साझा की जा सके .
लोगों की उत्साह अभियान के प्रति लोगों में उत्साह और भागीदारी बढ़ रही है, जिससे यह पता चलता है कि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो रहे हैं और अपनी मां के नाम पर पेड़ लगाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं यह अभियान न केवल वृक्षारोपण को बढ़ावा देता है, बल्कि यह जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण नियंत्रण, और भूजल स्तर को सुधारने में भी मदद करेगा.
इंदौर में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान एक महत्वपूर्ण पर्यावरण संरक्षण पहल है, इंदौर में इस अभियान के तहत 51 लाख पौधे लगाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। यह पहल न केवल वृक्षारोपण को बढ़ावा देती है, बल्कि यह स्थानीय समुदाय में पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैलाती है.
इंदौर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस अभियान के दौरान कहा कि यह केवल सरकार का कार्यक्रम नहीं है, बल्कि इसमें जनता की भागीदारी आवश्यक है। इंदौर को अब “ग्रीन सिटी” के रूप में भी जाना जाएगा, जो स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक उदाहरण बनेगा.
इस अभियान से न केवल आक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होगी, बल्कि यह धरती के तापमान को कम करने, भूजल स्तर को बढ़ाने और प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद करेगा. इंदौर में स्थानीय लोगों, स्कूलों और संगठनों को इस अभियान में शामिल किया जा रहा है, ताकि वे अपने स्तर पर पौधारोपण कर सकें और इसकी देखरेख भी करें.
ग्वालियर में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। ग्वालियर में इस अभियान के तहत विभिन्न स्थानों पर पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिनमें स्थानीय लोगों, स्कूलों और संगठनों ने भाग लिया। अभियान के तहत लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे सभी वर्गों के लोग इस पहल में शामिल हो सकें।
ग्वालियर के कई स्कूलों ने इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई और अपने स्कूल परिसर में पौधारोपण किया। यह अभियान आक्सीजन की मात्रा बढ़ाने, धरती का तापमान कम करने, भूजल स्तर को ऊपर लाने और प्रदूषण नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की मॉनिटरिंग
“एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत मॉनिटरिंग और देखरेख की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इस पहल में शामिल सभी लोग, विशेष रूप से स्कूलों के छात्र, अपने-अपने लगाए गए पेड़ों की देखभाल करने के लिए जिम्मेदार होंगे।
इस अभियान के तहत जिन पेड़ों को लोग अपनी मां के नाम पर लगाते हैं, उनकी देखरेख और रखरखाव की जिम्मेदारी उन लोगों पर होगी। इससे न केवल पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि लोगों का पर्यावरण के प्रति लगाव भी बढ़ेगा.
स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने परिसरों में छायादार पेड़ जैसे नीम, गुलमोहर, करंज, अशोक, और अर्जुन लगाए और उनकी देखरेख करें. स्थानीय समुदायों को भी इस अभियान में शामिल किया जा रहा है, जिससे सभी वर्गों के लोग पौधारोपण और उसकी देखभाल में सक्रिय रूप से भाग ले सकें.
इस प्रकार, “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के अंतर्गत मॉनिटरिंग की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं, ताकि इस पहल की सफलता सुनिश्चित की जा सके।