Old Injury Pain in Winter: जैसे ही ठंड का मौसम आता है, बहुत से लोगों को पुरानी चोटों, फ्रैक्चर या जोड़ों के दर्द की शिकायत होने लगती है। दरअसल, सर्दियों में शरीर का तापमान घटने के कारण ब्लड वैसल्स (रक्त वाहिकाएं) सिकुड़ने लगती हैं। इससे शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे जॉइंट्स में स्टीफनेस और पुरानी चोटों में दर्द बढ़ जाता है।
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एक्सपर्ट के अनुसार – “ठंड के मौसम में पुरानी चोटों का दर्द सामान्य है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। खासकर जिन लोगों को आर्थराइटिस (गठिया), ऑस्टियोपोरोसिस, या पुराना फ्रैक्चर है, उनमें दर्द और अकड़न ज्यादा बढ़ जाती है।”
पुरानी चोटों को नजरअंदाज न करें…
सूत्रो के अनुसार, आज की बिजी लाइफस्टाइल में लोग अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते। कई बार हल्की चोट को मामूली समझकर इलाज नहीं करवाया जाता, लेकिन यही छोटी चोट आगे चलकर क्रॉनिक पेन (दीर्घकालिक दर्द) का कारण बन सकती है।

उन्होंने बताया कि “सर्दियों में पुराने घाव या चोटें उभर कर सामने आती हैं। यह इस वजह से होता है कि ठंड में शरीर की रक्त नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बाधित होता है और जॉइंट्स के पास हार्डनेस और दर्द बढ़ जाता है।”
ठंडी या गर्म सिकाई: कौन-सी सही है?
जिन लोगों को पुरानी चोटों का दर्द सर्दियों में बढ़ जाता है, उनके लिए सिकाई (Compress Therapy) बहुत असरदार उपाय है।
पहले 2-3 दिनों तक ठंडी सिकाई करें..
एक्सीडेंट या गिरने के तुरंत बाद अगर सूजन या दर्द है तो ठंडे पानी या बर्फ के पैक से 3 दिन तक सिकाई करें। इससे सूजन और अंदरूनी ब्लीडिंग में आराम मिलेगा।
3 दिन बाद गर्म सिकाई करें…
अगर दर्द कम नहीं हो रहा हो, तो गर्म पानी में सेंधा नमक डालकर सिकाई करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दर्द में काफी राहत मिलती है।

घरेलू उपाय से पाए राहत…
सूत्रो के अनुसार, डॉक्टर ने बताया कि घरेलू नुस्खे भी दर्द कम करने में मददगार हो सकते हैं।
1. सरसों का तेल: हल्का गर्म सरसों के तेल से दर्द वाली जगह पर मालिश करने से मांसपेशियों की जकड़न दूर होती है।
2. मेथी दाना का तेल: मेथी दाना को सरसों के तेल में उबालकर छान लें और उससे सिकाई करें। यह जोड़ों की जकड़न और पुरानी चोटों के दर्द में बेहद फायदेमंद है।
3. हल्की एक्सरसाइज: बहुत ज्यादा दर्द न हो तो हल्की स्ट्रेचिंग और वॉक करें। इससे शरीर में रक्त प्रवाह सामान्य बना रहता है।
ठंड से बचाव जरूरी…
सर्दियों में दर्द से राहत पाने के लिए सबसे जरूरी है कि चोट वाली जगह को ठंड से बचाएं।
1. हमेशा गर्म कपड़े पहनें और चोट वाली जगह को वूलन कपड़े या गर्म पट्टी से ढकें।
2. ठंडी हवाओं से बचें और लंबे समय तक बाहर न रहें।
3. घर पर भी हीटर या गर्म पानी की थैली का उपयोग कर प्रभावित हिस्से को गर्म रखें।

डाइट से भी मिलेगा फायदा…
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सही डाइट लेने से हड्डियों को मजबूती मिलती है और दर्द कम होता है।
1. कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर भोजन खाएं।
2. दूध, पनीर, दही, सोयाबीन, ब्रोकोली और हरी पत्तेदार सब्जियां रोजाना डाइट में शामिल करें।
3. शरीर में पानी की कमी न होने दें, क्योंकि डिहाइड्रेशन से मांसपेशियों की जकड़न बढ़ती है।

कब करें डॉक्टर से संपर्क?
अगर सर्दियों में पुरानी चोट का दर्द असहनीय हो जाए, सूजन बढ़ जाए, या चलने-फिरने में दिक्कत आने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉ. जोशी ने चेतावनी दी, “पुराने दर्द को कभी हल्के में न लें। कई बार यह अंदरूनी हड्डी की चोट या जॉइंट डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है। समय पर इलाज न कराने से यह स्थायी रूप से बढ़ सकता है।”
