
Why did Shabana Azmi accept Shyam Benegal as a fraud in the first meeting?
श्याम बेनेगल और शबाना आजमी के बीच की पहली मुलाकात का किस्सा बेहद दिलचस्प और अनोखा है। शबाना आजमी को शुरुआत में श्याम बेनेगल एक फ्रॉड लगे थे, हालांकि बाद में उनकी सोच पूरी तरह बदल गई। यह घटना उनकी फिल्म अंकुर से जुड़ी है, जो श्याम बेनेगल की पहली महत्वपूर्ण फिल्म थी।
दरअसल, शबाना आजमी उस समय फिल्म इंस्टीट्यूट में पढ़ाई कर रही थीं और उन्हें फिल्मों में आने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ा था। वे पहले से ही कई फिल्में कर चुकी थीं, लेकिन श्याम बेनेगल के साथ उनका जुड़ाव एक अनोखे तरीके से हुआ। एक दिन, फिल्म निर्माता और श्याम बेनेगल के सहायक दीपक पराशर शबाना आजमी के घर आए और उन्हें श्याम बेनेगल से मिलने का सुझाव दिया। दीपक पराशर ने शबाना से कहा कि वे श्याम बेनेगल के पास एक फिल्म के लिए जाएं, जिसे वह बना रहे थे।
शबाना आजमी ने पहले कभी श्याम बेनेगल के बारे में नहीं सुना था, और उन्हें यह पूरा मामला संदिग्ध और धोखाधड़ी जैसा लगा। उस वक्त यह रोल शबाना के लिए नया था और उन्हें यह विश्वास नहीं हुआ कि कोई प्रतिष्ठित निर्देशक उन्हें चुनने के लिए तैयार हो सकता है। खासकर, जब इस रोल के लिए कई प्रसिद्ध अभिनेत्रियां जैसे वहीदा रहमान और लक्ष्मी ने मना कर दिया था।
लेकिन जैसे ही शबाना ने श्याम बेनेगल से मुलाकात की और अंकुर में काम करने की पेशकश स्वीकार की, उनकी धारणा बदल गई। श्याम बेनेगल ने उन्हें एक अजीब तरीके से फिल्म के लिए चुना और यह फिल्म उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ बन गई। शबाना आजमी के लिए यह अनुभव बहुत महत्वपूर्ण था, और उन्होंने खुद को एक भाग्यशाली अभिनेत्री माना, क्योंकि श्याम बेनेगल के निर्देशन में काम करने से उनकी पहचान विश्व सिनेमा में बन गई।
यह किस्सा शबाना आजमी और श्याम बेनेगल के बीच के संबंधों की शुरुआत का प्रतीक है, और यह भी दर्शाता है कि शबाना जैसे सितारे भी कभी कभी नए अनुभवों और मौके मिलने पर संकोच करते हैं।
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