Dr Shaheen Shahid Terror Network: दिल्ली के लाल किला क्षेत्र के पास हुए हालिया कार धमाके और फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामदगी के मामले में जांच एजेंसियों को एक बड़ा सुराग हाथ लगा है। जांच के दौरान लखनऊ की डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है, जिनका हरियाणा की अल फला यूनिवर्सिटी से गहरा संबंध बताया जा रहा है।
शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी के बाद कई राज्यों की सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि शाहीन एक शिक्षित पेशेवर आतंकी नेटवर्क से जुड़ी थीं, जो देशभर में सक्रिय था और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी गतिविधियों का विस्तार कर रहा था।
डॉक्टर बनी आतंकी मॉड्यूल की सदस्य
डॉ. शाहीन शाहिद का जन्म लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र के एक शिक्षित और प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। उनके पिता, सैयद अहमद अंसारी, ने बताया कि “शाहीन बचपन से ही पढ़ाई में बहुत तेज थीं। हमें कभी कल्पना भी नहीं थी कि वह किसी ऐसे जाल में फंस सकती हैं।”
शाहीन ने लखनऊ से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की और बाद में एमडी की उपाधि हासिल की। वर्ष 2006 में उनका चयन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के माध्यम से हुआ, जिसके बाद उन्हें कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त किया गया।
कॉलेज में उनके सहकर्मी बताते हैं कि शाहीन गंभीर स्वभाव की, शोध-उन्मुख और अनुशासित प्रोफेसर थीं। वे अक्सर रिसर्च प्रोजेक्ट्स और मेडिकल कॉन्फ्रेंस में सक्रिय रूप से भाग लेती थीं।

Dr Shaheen Shahid Terror Network: अचानक गायब हुई
कॉलेज प्रशासन के अनुसार, शाहीन ने लंबे अवकाश के लिए आवेदन दिया था और धीरे-धीरे संस्थान से दूरी बना ली। वर्ष 2021 में उनकी सेवाएं औपचारिक रूप से समाप्त कर दी गईं। इसके बाद वे हरियाणा की अल फला यूनिवर्सिटी से जुड़ गईं, जहाँ वे बायोमेडिकल रिसर्च असिस्टेंट के रूप में काम कर रही थीं।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इसी अवधि में उन्होंने ऐसे समूहों से संपर्क बनाया, जो धार्मिक कट्टरपंथ और उग्र विचारधाराओं को फैलाने में सक्रिय थे।
तलाक और अकेलापन
जांच में सामने आया है कि शाहीन शाहिद की शादी महाराष्ट्र निवासी ज़फर हयात नामक व्यक्ति से हुई थी। लेकिन यह रिश्ता अधिक समय तक नहीं चल पाया और वर्ष 2015 में दोनों का तलाक हो गया। तलाक के बाद शाहीन हरियाणा के फरीदाबाद में अकेले रहने लगीं।
अधिकारियों का कहना है कि इसी दौरान वे कट्टरपंथी नेटवर्क के संपर्क में आईं। प्रारंभिक जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि शाहीन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे समूहों के संपर्क में थीं जो धर्म के नाम पर युवाओं को बरगला रहे थे। धीरे-धीरे वे इन विचारधाराओं के प्रभाव में आईं और कथित तौर पर आतंकी मॉड्यूल से जुड़ गईं।

जैश की महिला शाखा की जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार, शाहीन शाहिद को जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस शाखा का उद्देश्य था — विश्वविद्यालय परिसरों और सोशल मीडिया के माध्यम से महिलाओं को प्रभावित करना और उन्हें संगठन की विचारधारा से जोड़ना।
इंटेलिजेंस एजेंसियों के अनुसार, इस नेटवर्क की रणनीति थी कि शिक्षित, पेशेवर और सामाजिक रूप से प्रभावशाली महिलाएं, विशेषकर मेडिकल और टेक्निकल पृष्ठभूमि से जुड़ीं, संगठन के प्रचार, फंडिंग और भर्ती में भूमिका निभाएँ।

Dr Shaheen Shahid Terror Network: बैंक अकाउंट, ईमेल की जांच
फिलहाल शाहीन शाहिद पुलिस रिमांड पर हैं और उनसे लगातार पूछताछ जारी है। एजेंसियां उनके बैंक खातों, विदेशी लेनदेन, ईमेल और कॉल रिकॉर्ड की जांच कर रही हैं। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या उन्होंने किसी विदेशी संगठन से आर्थिक सहायता ली थी।
साथ ही, पुलिस उनके द्वारा पढ़ाए गए छात्रों और सहयोगियों से भी पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उन्होंने किसी को कट्टरपंथ की ओर प्रभावित किया।
देशभर में फैला नेटवर्क
Dr Shaheen Shahid Terror Network: इस गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियों को शक है कि शाहीन के नेटवर्क से जुड़े अन्य लोग देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय हो सकते हैं। विशेष रूप से दिल्ली, फरीदाबाद, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में एजेंसियां संदिग्धों की तलाश कर रही हैं।
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि यह मॉड्यूल “वाइट कॉलर टेरर नेटवर्क” की तरह काम कर रहा था — जिसमें पढ़े-लिखे पेशेवर आतंकवादियों की तरह साजिश रच रहे थे।
जांच एजेंसियों ने अब शाहीन के लैपटॉप, मोबाइल और दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। डिजिटल फॉरेंसिक टीम उनकी ऑनलाइन गतिविधियों और चैट हिस्ट्री की बारीकी से जांच कर रही है।
