The Wisdom Tooth Connection: अक्ल दाढ़ आपके मुंह में सबसे पीछे आने वाले दांत होते हैं, जिन्हें तीसरी दाढ़ भी कहा जाता है। ये आमतौर पर 17 से 25 साल की उम्र के बीच आते हैं, लेकिन हर किसी में ये समान रूप से नहीं आते। कुछ लोगों में, ये दांत पूरी तरह से नहीं निकलते और मसूड़ों में फंस जाते हैं, जिससे दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
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क्या है अकल दाढ़?
जिसे आम बोलचाल में “अकल दाढ़” कहा जाता है, वह वास्तव में हमारे मुंह के सबसे पीछे की तीसरी और अंतिम मोलर (चबाने वाली दांत) होती है। सामान्यत: इंसानों के मुंह में चार अकल दाढ़ें होती हैं – ऊपर और नीचे, दोनों जबड़ों के दोनों किनारों पर।
अंग्रेजी में इसे ‘Wisdom Teeth’ कहा जाता है, क्योंकि ये दांत उस उम्र में आते हैं जब व्यक्ति “बुद्धिमान” या “समझदार” हो रहा होता है – यानी किशोरावस्था के बाद और वयस्कता की शुरुआत में।
अकल दाढ़ कब आती है?
अकल दाढ़ आमतौर पर 17 से 25 साल की उम्र के बीच निकलती है, हालांकि कुछ लोगों को ये 30 की उम्र के बाद या कभी नहीं भी आती।
कुछ दिलचस्प तथ्य –
1. लगभग 65-70% लोगों को चारों अकल दाढ़ें आती हैं।
2. वहीं, 25% लोगों को इनमें से एक या दो ही आती हैं।
3. कुछ लोगों को एक भी अकल दाढ़ नहीं निकलती, जो एक प्रकार का अनुवांशिक बदलाव (evolutionary trait) माना जाता है।
इसका नाम ‘अकल दाढ़’ क्यों पड़ा?
इसका सीधा संबंध उम्र से है, जब ये दांत निकलते हैं।
पुराने समय में माना जाता था कि 17-25 की उम्र के बीच इंसान मानसिक रूप से परिपक्व हो जाता है — यानी अब उसमें सोचने-समझने की “अकल” आ जाती है। इसी से इस दांत को ‘अकल दाढ़’ कहा जाने लगा।
लेकिन हकीकत यह है कि इस दांत का अकल या बुद्धिमत्ता से कोई सीधा संबंध नहीं है। यह नाम बस एक उम्र संबंधी संयोग के चलते दिया गया है।
जापान और कोरिया में अलग नाम..
जापान में अकल दाढ़ को “oyashirazu” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “वह दांत जो माता-पिता की जानकारी के बिना आता है” – क्योंकि अक्सर ये तब आते हैं जब बच्चा घर से दूर रहने लगा होता है।
कोरिया में इन्हें ‘사랑니’ (सारांगनी) कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है “लव टूथ” – क्योंकि यह उम्र प्यार में पड़ने की होती है।
समस्या कब होती है?
अकल दाढ़ें कई बार बिना किसी दिक्कत के निकल जाती हैं, लेकिन अक्सर ये तकलीफदेह हो सकती हैं। इसकी वजह है कम जगह या गलत दिशा में निकलना।
संभावित समस्याएं…
1. इम्पैक्टेड टुथ (Impacted Wisdom Tooth): जब दांत पूरी तरह बाहर नहीं निकल पाता और मसूड़े या अन्य दांतों से टकरा जाता है।
2. सूजन और दर्द: मसूड़ों में संक्रमण और सूजन आम है।
3. जवड़े में जकड़न या सिरदर्द: कुछ मामलों में इनका दर्द सिर, कान और गर्दन तक भी असर डालता है।
4. अन्य दांतों को नुकसान: अगर अकल दाढ़ गलत दिशा में निकल रही हो तो वह बाकी दांतों को दबा सकती है।
क्या वाकई अकल दाढ़ से बढ़ती है ‘अकल’?
वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार –
इसका मस्तिष्क के विकास या IQ से कोई लेना-देना नहीं है। यह सिर्फ नाम का संयोग है।
हालांकि कुछ संस्कृति और परंपराओं में इसे बुद्धि के आगमन का प्रतीक माना गया है, लेकिन आधुनिक चिकित्सा इसे एक विकासात्मक दांत मानती है, जिसका कोई बौद्धिक योगदान नहीं है।
अकल दाढ़ की देखभाल कैसे करें?
अगर आपकी अकल दाढ़ निकल रही हो या निकल चुकी हो, तो उसकी देखभाल करना जरूरी है-
1. दिन में दो बार ब्रश करें, खासकर पीछे के हिस्से को साफ करें।
2. माउथवॉश या गुनगुने पानी से कुल्ला करें।
3. दर्द या सूजन होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
4. दांत में फंसे खाने को फ्लॉस से हटाएं।