एक कार्यक्रम के दौरान RBI गवर्नर श्री शशिकांत दास ने artificial intelligence को दुनिया के बैंकिंग सिस्टम के लिये
खतरा बताया उन्होंने चेतावनी दी की AI पर निर्भरता और मशीन लर्निंग जैसी नई टेक्नोलॉजी ने वित्तीय संस्थानों के
लिये कारोबार और मुनाफे को बढ़ाने के लिये नये रास्ते खोले हैं लेकिन दूसरी और वित्तीय स्थिरता को भी कमजोर
किया है I
उन्होंने global स्तर पर अलग अलग monetary policy के जोखिमो पर भी चेतावनी दी उन्होंने कहा की global
monetary पॉलिसीज मे भिन्नता से exchange रेट्स और capital फ्लो मे अस्थिरता बढ़ सकती है I श्री दास ने
मौजूदा दौर को दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों के लिये ऐतिहासिक बदलाव की घड़ी बताते हुऐ कहा की जैसे कोरोना
महामारी के बाद जैसे दुनिया भर के सभी सेंट्रल बैंकों ने आर्थिक तनावों, महंगाई, तकनिकी उथल पुथल और
पब्लिक debt के अनुसार monetary policy मे बदलाव किये थे वैसे ही बदलावों और इसी तरह के संकट से निपटने के
लिये हमेशा तैयार रहना चाहिये I
श्री दास ने कहा की global debt crisis यानी दुनिया मे कर्ज का संकट आर्थिक स्थिरता को तगड़ा झटका देकर इन्हे
काफी कमजोर कर सकता है और कर्ज के इस बढ़ते बोझ को सेंट्रल बैंकों द्वारा नज़रअंदाज़ किये जाने से महंगाई को
काबू मे रखने की उम्मीदों पर असर पड़ने का खतरा है I उन्होंने वित्तीय स्थिरता को सेंट्रल बैंकों का सबसे महत्वपूर्ण
दायित्व बताया I