
ताबीज क्या है और उसकी शक्तियां क्या है
What are Taweez : सबसे पहले यह जान लीजिए दो या तीन चीजों एक कांबिनेशन होता है ताबीज. तंत्र मंत्र यंत्र तीनों को मिलाकर बनता है. ये 2 को मिलाकर एक से ये तीनों को आगे पीछे करके ऊपर नीचे करके कांबिनेशन बनाया जाता है जिसको तावीज बोलते हैं एम्युलेट बोलते हैं धागा बोलते हैं जो बांधा जाता है.
अगर दो इलायची पर किसी सिद्ध पुरुष ने मंत्र का 11 बार उच्चारण करके फूंक मारकर दे दिया तो खाने वाले की नेगेटिव चलने आएगी. मंत्र की शक्ति जप के आधार पर होती है। आपने हजार बार 10,000 बार पढ़ा है तो आपके फूकने से कम पावर आएगा लेकिन पावर तब भी आएगा.

सबसे पहले बात तंत्र से बनाई हुई ताबीज की करते हैं तंत्र से बनाई हुई ताबीज का काम ऐसा होता है की उसको एक ऑब्जेक्ट पर लिया जाता है. चाहे आप पेपर के ऊपर लिख लो और चाहे किसी यंत्र के ऊपर ले लो और एक प्रक्रिया फॉलो करना होती है एक ज्यामिति बनानी पड़ती है उसके नंबर्स या शब्द लिखने पड़ते हैं.
कुछ-कुछ शक्तियों की ड्राइंग करनी पड़ती है उसके ऊपर जो उसके बॉडी पार्ट्स है या जो भी हो अंग जो उनके ऊपर वह नाम लिखने पड़ते और वह एक तंत्र के थ्रू वो एक एनर्जी क्रिएट की जाती है. बेसिकली ऐसा है मंत्र बोलने जाने वाले तंत्र याने जहां पे हवन और वगैरा जो प्रक्रिया प्रक्रिया को तंत्र बोला जाता है मुंह से पढ़े गए वो मंत्र हो गए और जो ऑब्जेक्ट्स को उसे किया हुआ जाता है उनको कहते हैं यंत्र.
तो मंत्र और तंत्र को जिस यंत्र पर बिठा जाता है यानी किसी सिद्ध पास जो शक्ति है मैं उसे शक्ति से आवाहन करता है, हवन करता है, शक्ति को अपनी शक्ति को ट्रांसफर करके भोग चड़ा के एक दूसरी एनर्जी क्रिएट करता है
प्रोटेक्शन का काम करता है ताबीज
उस शक्ति को यंत्र पर बिठा देता है तो वह यंत्र एनर्जी क्रिएट हो जाती है मतलब स्थापित हो जाती है तो यह हो गया यह अंतर अब यह किसी के घर में रख दो किसी गले में पहना दो कहीं बिजनेस की जगह पर बांध दो, किसी गाड़ी में बंद हो प्रोटेक्शन का ही काम करती है ठीक है
अब वो क्या-क्या कम करती है उसके लिए थर्ड होता है यंत्र का काम किया है यंत्र का काम वही है की इस पे ज्योमिटिकल साइंस होते हैं नंबर्स होते हैं और सीधे-सीधे उसको इंटेंसिफाई करने के लिए बनाया जाता है. हवन करके बली चड़ा के मंत्र के जाप करके उसे पर सिलेक्टेड भोग रख के उसको इंटेंसीफाई किया जाए तो उसे पर ज्यादा से ज्यादा एनर्जी पुल की जाती है. मंत्रों की अलग अलग संख्या से उसको इंटेंसिफाई करना पड़ता है और तीनों की शक्ति अलग-अलग होती है.

सिंपल बातें दूसरे की शक्ति अलग है कोई 25 साल से प्रक्रिया फॉलो कर रहा है तो उसकी शक्ति अलग है, उसकी कितनी शक्ति है तो वो शक्ति से आप उसको इंटेंसिफाई कर सकते हो एक ही ताबीज के ऊपर एक ही गुरु से आप हजार मंत्र पढ़ाओ उसको 11000 बार करो तो 11 गुना पावरफुल हो जाएगा.
इंपॉर्टेंट बात है की आपको उसमें कितने की जरूरत है ये भी एक बात है फिर यह कम कैसे करती है तो अगर सिर्फ नेगेटिव को देखा जाए तो एक ताबीज काम करता है दूसरा काम प्रोटेक्शन का करता है. कोई अगर आप पर कोई कंटिन्यू तांत्रिक क्रिया करवा रहा है तो आपको एक सर्टेन कैटिगरी की प्रोटेक्शन की जरूरत पड़ेगी. ताकि बाहर के प्रेत आपकी बॉडी में इंटर नहीं कर पाए तो उसके लिए एक अलग ताबीज लगता है.
अगर आपकी बॉडी में प्रेत प्रवेश कर गया तो उसको पहनने से वो छोटा हो जाता है छोटा इस सेंस में उसकी एनर्जी जलना शुरू हो जाती है जैसे एक बहुत बड़ी आग भी जलती हो लेकिन उसके अंदर अगर आप थोड़ी-थोड़ी देर में पानी छीटते रहे तो वो थोड़ा-थोड़ा थोड़ा धीमा हो जाएगा। अब बहुत ज्यादा पानी डालोगे तो सीधा पानी डालने के लिए उतनी उतना पानी भी होना चाहिए.
आपको एक मंत्र उच्चारण दिया जाता है आप उसे मंत्र को पढ़ते रहते तो वो मंत्र वही ताबीज का होता है और उसी को उच्चारण से आपकी इंटेंसिफाई हो ही जाती है एनर्जी और उसे नेगेटिव को कम देती है लेकिन यह सब कुछ डिपेंड करता है की जिसने आपको ताबीज बनाकर दिया यंत्र बनाकर दिया ऑब्जेक्ट बनाकर दिया उसकी क्या शक्ति है. उस पर सब कुछ डिपेंड करता है.
सारे धर्म में रिचुअल्स की बात
सारे धर्म में धर्म की बात नहीं करते रिचुअल्स की बात करते पुराने रिचुअल्स में जो इंटेंसिफाई करने के लिए बताया गया है लेकिन क्या आपको उसकी जरूरत है बुलेट प्रूफ जैकेट की जरूरत है, गण की जरूरत है नाइफ की जरूरत है. हैंड ग्रेनेड की जरूरत है बॉटलिंग की जरूरत है, क्या आपको जरूरत है तो डिपेंड करता आपकी सिचुएशन क्या है जैसी आपकी सिचुएशन होती है उसके अकॉर्डिंग आपको कम करना होता है उसके अकॉर्डिंग शक्तियों को उसे करना पड़ता है.
गुरु सिद्धि को जानता है तो वो उसे पे कम करता है तो आपको उसे तरीके से देना पड़ता है फौरन एग्जांपल जैसे आप हनुमान जी की साधना कर रहे हो, तो सिर्फ मंत्र का जाप करो अब मंत्र जाप करने के बाद में सिद्धी हो गई है अब सिद्धि होने के बाद क्या करना है उसको इंटेंसिफाई कैसे करना है जैसे की स्पेसिफिक नंबर ऑफ मंत्र होते फिर उसके अलग मंत्र होते हैं.

ये भी एक प्रक्रिया होती है जो स्पेसिफिक मंत्र होते हैं उसको एक स्पेसिफिक नंबर तक पढ़ना पड़ता है 1 लाख बार 11 लाख बार 77 लाख जो भी है उसके लिए एक स्पेसिफिक माला उसे होती है भगवान कृष्ण भगवान के लिए तुलसी की चंदन की उसे होती है हनुमान जी के लिए लाल वाली जैसे जो भी शंकर भगवान के लोग रुद्राक्ष की उस काम के लिए आसान होता है.
अगरबत्ती या जो भी आहुति में हम लोग डालते हैं ये स्पेसिफिकली भोग और बली उस शक्ति को इंटेंसिफाई करने के लिए उसे होता है. जो तांत्रिक सिद्धियां गलत कम करते दिखे उसके पास से चली जाती है जब आपको एक धागा ताबिश देता है जिससे आपका कॉन्फिडेंस बिल्ड हो और जिनके पास गुरु की सिद्धि होती है उसे ताबीज बनानी नहीं आती हो लेकिन हो सकता है कि कोई गुरु मिल जाए जिन्होंने 40 साल के साधना की और 40 साल से वो तावीज बनाने का कम करते और उन्हें हजारों लाखों लोगों के लिए तावीज बनाया है उनके पास बहुत बड़ी-बड़ी शक्ति हों और वो सिर्फ और सिर्फ ताबीज बना के लोगों को देते और वो लोगों का भला करते हैं
ताबीज की दुनिया भर की कैटिगरी
जो पीड़ित तकलीफ में है वो उससे सहन नहीं हो रही हो, हाजिरी बहुत जबरदस्त आती हो अपने आप को नोचता हो काटता हो, जिन औरतों को आती है,जीभ को काटते हैं उन लोग तो मुंह के अंदर सब कट लग जाते हैं ऐसा भी होता है. बाल खींच खींच के मार रहे होते खुद के बाल खींचते हो, अब इन लोगों को कैसे कंट्रोल किया जाए कमरे में बंद करके तो रख नहीं सकते हैं. तब यह ताबीज बनाने का फॉर्मूला काम आता है, उसमें स्क्वायर, नंबर होते है जब भी जो जो नंबर होता है तो उसे मंत्र को उतनी बार पढ़ना होता है. जहां 4 लिखा है तो मंत्र को चार बार पढ़ना पढ़ेगा. फिर बाद में इसको करके बंद के पीड़ित को दे देते हैं.
ताबीज की दुनिया भर की कैटिगरी होती हैं तंत्र की मंत्र की यंत्र की सबकी नॉलेज सबी के पास नहीं होती जैसे सभी को सारे हथियारों की जरूरत नहीं इसको सिर्फ एक ही जरूरत है लेकिन बहुत पावरफुल तो वो उसे सिद्धि को दे देता है. सेकंड कैटिगरी उन लोगों की होती है जिनको खुद को नॉलेज नहीं होती बस वो गुरु से लिए हुए ऑर्डर है और वो दूसरों को ताबीज दे रहे हैं. तीसरे वह होते हैं जिन्होंने खुद वो प्रक्रिया को सिखा है अपने गुरु के थ्रू जैसे जिस गुरु ने किसी सिद्ध को ताबीज बनाना सिखाया है अगर उसी गुरु के जो चेले होंगे वो लोगों को सारे प्रक्रिया पता होंगे.

गुरु अपने चेलों को सारे प्रक्रिया बताता है जैसे भूत प्रेत का इलाज कैसे करना है, किसी का मकान कैसे खाली करना है, किसी की प्रॉपर्टी को पोजीशन कैसे लेना है, किसी को पागल कैसे करना है, किसी को इलाज कैसे करना है, किसी बीमार को कैसे ठीक करना है, किसी की शादी नहीं हो रही वो कैसे करनी है, किसी को बच्चा नहीं हो रहा वो कैसे होगा, उनको हर एक प्रक्रिया के नॉलेज होगी.
साधना के लिए 30 दिन लगते
हिंदू धर्म में कोई साधना के लिए 30 दिन लगते हैं किसी के लिए 11 दिन किसी के लिए 40 दिन किसी के लिए 3 महीने, किसी के लिए 3 साल, किसी के लिए 7 साल, किसी के लिए 12 साल और किसी सिद्ध के लिए 21 साल. एक सिद्धि के लिए इतना बड़ा जाप करना पड़ता है मेडिटेशन ध्यान और बहुत सारी चीज उसमें इंवॉल्व होती है वो उसे लेवल पे पहुंचना पड़ता है उसे शक्तियों को लेकर ऐसा है फॉलो करना पड़ता है
तंत्र मंत्र यंत्र का एक प्रक्रिया होता है उससे ताबीज बनता है, ताबीज का काम प्रोटेक्शन और दुनिया भर के काम करने के लिए ताबीज होता है. ताबीज कम कैसे करता है तो बेसिकली होता वही है इंसान अपनी शक्ति जिन सिद्धि उसी को उसे कर रहा होता जो मंत्र का उच्चारण वह करता है. बेसिक तो वही है कि सिद्ध पुरुष अपनी सिद्धि से ताबीज बनाकर दे रहा है
ताबीज क्या कमा करेगा या तो प्रोटेक्ट करेगा
लोगों के लिए जो ताबीज बनाते हैं आप लोगों को बहुत बार सिर्फ गुरु को फॉलो कर रहे हो तो आपको नहीं दिख रहा होता कि ताबीज बनाने में होता क्या है वह फरिश्ते और जीनो को लॉक कर रहे होता है और उनका काम कुछ और है और आपने उनको काम किए तभी इसके काम में डाला है अब उनको लॉक किया और 20 साल या 40 साल बंदे के गले में उसको लटकाया है

आपके कर्म अच्छे नहीं है तो सिद्धि चली जाएगी, ताबीज के चक्कर में लॉक करके आपको मिलेगी पर आपके अच्छे कर्म नहीं है तो भी आप कम बुरे किए जा रहे हो काम तब भी होता है क्योंकि वो ऑर्डर पे चल रहा है.लेकिन जब वो खुलेगा ना तो आपका तो भगवान कल्याण करे.