Contents
वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक लाने की तैयारी में सरकार, कैबिनेट ने मंजूरी दी
Wakf Board Amendment Bill : केंद्र सरकार मौजूदा वक्फ एक्ट में संशोधन के लिए जल्द ही नया बिल ला सकती है। सरकार मौजूदा वक्फ एक्ट में करीब 40 संशोधन करने के लिए तैयार है। नया बिल वक्फ के अधिकारों को प्रतिबंधित कर सकता है और किसी भी जमीन को उसकी संपत्ति घोषित कर सकता है।
सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार (2 अगस्त) को हुई कैबिनेट की बैठक में भी कैबिनेट ने बिल को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित विधेयक में मौजूदा कानून की कुछ धाराओं को भी हटाया जा सकता है। संसद का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा।
ड्राफ्ट बिल में हो सकते हैं ये बड़े बदलाव
- किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले सत्यापित किया जाना चाहिए।
- मसौदा विधेयक के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पुनर्गठन और बोर्ड की संरचना में बदलाव की संभावना है।
- वक्फ एक्ट की धारा 9 और धारा 14 में भी संशोधन किया जाएगा। इसलिए सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्ड के ढांचे में बदलाव किया जा सकता है।
- विधेयक में राज्य वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाली विवादित भूमि की फिर से जांच करने का भी प्रस्ताव है।
- दुरुपयोग रोकने के लिए जिलाधिकारी वक्फ संपत्तियों की निगरानी कर सकते हैं।
नए बिल का वक्फ बोर्ड पर क्या होगा असर?
वक्फ बोर्ड रेलवे और सशस्त्र बलों के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक निकाय है। नए संशोधनों के बाद, दावा करने से पहले किसी भी भूमि को सत्यापित करना होगा। इससे बोर्ड की जिम्मेदारी बढ़ेगी और मनमानी से बचा जा सकेगा।
बोर्ड के पुनर्गठन से बोर्ड के सभी विभागों के साथ महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ेगी। मुस्लिम विचारक, महिलाएं और शिया और बोहरा जैसे समूह लंबे समय से मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग करते रहे हैं।
वक्फ बोर्ड से जुड़ा एक पुराना संविधान वक्फ बोर्ड से जुड़े नए बिल के पीछे सितंबर 2022 का एक मामला चल रहा है।तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने तिरुचेंदूर गांव को अपनी संपत्ति घोषित किया था। इसमें रहने वाली ज्यादातर आबादी हिंदू है।
पिछले साल मई में दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक आदेश में 123 संपत्तियों की जांच की अनुमति दी थी, जिन पर दिल्ली वक्फ बोर्ड अपने नियंत्रण का दावा कर रहा है। पिछले साल अगस्त में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने भी इन संपत्तियों को नोटिस जारी किया था।
मोदी सरकार के दो साल के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने राज्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों की समीक्षा की थी ताकि कुछ संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित किया जा सके और उनके मुटावालों को नियुक्त करने की प्रक्रिया की समीक्षा की जा सके।