चुराचांदपुर में आतंकी ढेर
मणिपुर के उखरुल जिले में बुधवार को नगा समुदाय के दो समूहों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई। 10 से अधिक घायल हो गए। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 163 की उप-धारा 1 के तहत क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की है। अगले आदेश तक लोगों के घरों से बाहर निकलने पर रोक है।
पुलिस ने कहा कि दोनों समूह नागा समुदाय से हैं, लेकिन हुनफुन और हांगपुंग नाम के दो अलग-अलग गांवों से संबंधित हैं। दोनों गुट एक ही जमीन पर दावा करते हैं। स्वच्छता अभियान के तहत विवादित जमीन की सफाई को लेकर दोनों पक्षों के बीच हिंसा भड़क उठी थी। इलाके में असम राइफल्स की तैनाती की गई है।
दूसरी ओर, मंगलवार को चूड़ाचांदपुर जिले के लिशांग गांव के पास अज्ञात लोगों ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के नगर कमांडर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक की पहचान जिले के कपरांग गांव निवासी सेखोहाओ हाओकिप के रूप में हुई है।
पुलिस ने बताया कि मृतक यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (यूकेएनए) का सदस्य था। यह घटना चुराचांदपुर में तोरबंग बंगले से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर कल देर रात करीब सवा 12 बजे हुई। पुलिस ने हाओकिप के शव को चूड़ाचांदपुर मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में रखवा दिया है।
मणिपुर में कुकी और मैतेई के बीच हुई हिंसा को करीब 500 दिन हो चुके हैं। इस बीच 237 लोगों की मौत हो गई है, 1500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, 60 हजार लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं। लगभग 11,000 एफआईआर दर्ज की गईं और 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मणिपुर अभी भी दो भागों में बंटा हुआ है। पहाड़ी जिलों में कुकी और मैत्री जिलों में मैतेई है। दोनों के बीच की सीमा तय की गई है, इसे पार करने का मतलब मौत है।