
US China Trade War : 2020 के बाद का सबसे खराब सप्ताह
US China Trade War : चीन द्वारा अमेरिकी आयातों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजार को 2020 के बाद से सबसे खराब सप्ताह का सामना करना पड़ा। बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय ने 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी आयातों पर 34% टैरिफ लगाने की बात की है, जो अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादों पर समान टैरिफ लगाने के जवाब में उठाया गया कदम है।
वॉल स्ट्रीट पर भारी गिरावट
US China Trade War : चीन के इस कदम के बाद, वॉल स्ट्रीट पर कोविड 19 के बाद सबसे बड़ी गिरावट आई। अमेरिकी बाजारों में एसएंडपी 500 इंडेक्स में 6% की गिरावट आई, जो मार्च 2020 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट थी। इससे व्यापार युद्ध में एक नया मोड़ आ गया है, जिससे मंदी के खतरे और बढ़ गए हैं। इस दौरान अमेरिकी नौकरी बाजार से आई उम्मीद से बेहतर रिपोर्ट भी गिरावट को रोकने के लिए पर्याप्त नहीं रही।
एसएंडपी 500, डॉव जोन्स और नैस्डैक में भारी गिरावट
बाजार की हालत और भी खराब हुई जब शुक्रवार को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 2,231 अंक यानी 5.5% की गिरावट आई और नैस्डैक कंपोजिट में 5.8% की गिरावट आई। नैस्डैक का इंडेक्स अब अपने दिसंबर में बनाए गए रिकॉर्ड से 20% से अधिक नीचे जा चुका है। यह व्यापार युद्ध की गंभीरता को दर्शाता है, जिससे वैश्विक आर्थिक संकट का खतरा बढ़ गया है।
तेल और तांबे की कीमतों में गिरावट
हालांकि, व्यापार युद्ध से अब तक केवल कुछ ही विजेता निकले हैं। शुक्रवार को एसएंडपी 500 के 500 कंपनियों में से 14 को छोड़कर बाकी सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। कच्चे तेल की कीमत भी 2021 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गई, जबकि अन्य महत्वपूर्ण निर्माण सामग्रियों, जैसे तांबे की कीमतों में भी गिरावट देखी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सब चिंता का कारण है कि यह व्यापार युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकता है।
चीन के टैरिफ के खिलाफ अमेरिकी प्रतिक्रिया
बीजिंग ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कहा कि वह अमेरिका द्वारा लगाए गए 34% टैरिफ के जवाब में 10 अप्रैल से सभी अमेरिकी उत्पादों पर समान 34% टैरिफ लगाएगा। चीन और अमेरिका दोनों दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ हैं, और दोनों के बीच व्यापार युद्ध का असर न सिर्फ इन देशों पर बल्कि पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
संभावित मंदी और बाजारों पर असर
US China Trade War : वर्तमान स्थिति यह दर्शाती है कि व्यापार युद्ध के खतरे अब पहले से कहीं अधिक गंभीर हो गए हैं। अमेरिकी और चीनी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता तनाव न केवल शेयर बाजारों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और व्यापार मार्गों पर भी प्रतिकूल असर डाल सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह युद्ध और बढ़ता है तो इससे वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ सकता है, जिसका असर सभी देशों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी की आशंका और बढ़ने से वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता का माहौल बन सकता है।
वैश्विक व्यापार पर प्रभाव और भविष्य का रुझान
चीन द्वारा अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने का कदम एक नई आर्थिक उथल,पुथल को जन्म दे सकता है। इस कदम के साथ वैश्विक व्यापार और निवेश पर प्रभाव बढ़ सकता है, और आर्थिक मंदी की स्थिति बन सकती है। दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध के परिणामस्वरूप आने वाले महीनों में वित्तीय बाजारों और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।
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