Unique Shiva Temple of CG: छत्तीसगढ़ अपनी सांस्कृतिक, ऐताहासिक धरोहर और आध्यात्मिक स्थलों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है, यहां कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें से कुछ में बहुत अनोखी विशेषता है, इन्हीं में से एक ऐसा मंदिर है जो कोरबा जिले के पाली में स्थित है। इस मंदिर में एक साथ 3 शिवलिंग विराजमान है। बताया जाता है यह मंदिर 1200 वर्ष पुराना है।
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यहां भक्त आस- पास के जगह से तो आते ही हैं, यहां दूर – दूर से भगवान के दर्शन करने आते हैं।
9वीं शताब्दी में बनाई गई थी ये मंदिर…
यह शिव मंदिर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से लगभग 60 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इतिहासकार बताते है कि यह मंदिर 9वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यहां बनी कलाकृतियां शिल्पकला और स्थापत्य शैली उत्तर भारतीय नागर शैली से मिलती -जुलती है, जो उस समय की अद्भुत कला को दर्शाती है।

यहां बनी कलाकृतियां और शिल्प कला यह दर्शाती है कि यह न सिर्फ एक धार्मिक स्थल है बल्कि यह प्राचीन भारतीय वस्तुकला का उदाहरण है।
शिवलिंग का अद्भुत स्वरुप है विराजमान…
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां गर्भगृह में एक शिवलिंग नहीं बल्कि 3 शिवलिंग एक साथ विराजमान है।
मान्यताओं के अनुसार, गर्भगृह में सिर्फ एक ही शिवलिंग स्थापित की जाती है, लेकिन इस मंदिर में 3 शिवलिंग विराजमान है, जिन्हें ब्रम्हा, विष्णु और महेश का प्रतीक माने जाते हैं।
कैसे स्थापित हुए 3 शिवलिंग…
पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार, बहुत साल पहले इस जगह में भीषण युद्ध हुआ था, जिसकी वजह से आस – पास बने 2 प्राचीन मंदिर नष्ट हो गए थे, तब उनकी रक्षा करने के लिए पाली मंदिर में विराजमान शिवलिंग के साथ उन दो मंदिर के भी शिवलिंग यहां के गर्भगृह में विराजमान है, तब से ही यहां एक साथ तीन शिवलिंग की एक साथ पूजा की जाती है।

प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा है ये मंदिर…
पाली में स्थित यह मंदिर प्रकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है, इसके आसपास हरियाली, पहाड़ियां और शांत वातावरण भक्तों और पर्यटकों को सुकून का अनुभव कराता है।
यहां सबसे ज्यादा भीड़ सावन के महिने और शिवरात्रि के दिन देखने को मिलती है।
