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भांग त्रिपुण्ड और ड्रायफ्रूट से बाबा का श्रृंगार
Ujjain Mahakal on Ganesh Puja: मध्य प्रदेश के उज्जैन में किसी भी त्यौहार की शुरूआत बाबा महाकाल के ऑगन से होती है. यही वजह है कि गणेश चतुर्थी पर्व पर भगवान महाकाल का गणेश जी के स्वरूप में श्रृंगार किया गया तड़के सुबह भस्म आरती के लिए मंदिर के कपाट खोलने के बाद पुजारी ने भगवान का श्रृंगार उतार कर पंचामृत पूजन किया. इसके बाद बाबा महाकाल ने गणेश स्वरूप में दर्शन दिए.
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भष्म आरती बाबा का बप्पा रुप
महाकालेश्वर मंदिर में सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खोलकर पुजारी ने पहले सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाकर चांदी के पट खोला. गर्भगृह के पट खोलकर पुजारी भगवान का श्रृंगार उतार कर पंचामृत पूजन के बाद कर्पूर आरती की । इसके बाद नंदी हाल में लगे चांदी के पट खोले गए। नंदी हाल में नंदी जी का स्नान,ध्यान, पूजन किया गया। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के पश्चात दूध,दही,घी,शक़्कर शहद फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया।
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Ujjain Mahakal on Ganesh Puja: भांग त्रिपुण्ड और ड्रायफ्रूट से श्रंगार
भांग त्रिपुण्ड और ड्रायफ्रूट से भगवान गणेश जी के स्वरूप में श्रृंगार किया, रजत का त्रिपुण्ड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित कर भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई, शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की भगवान महाकाल ने। फल और मिष्ठान का भोग लगाया।भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की और से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गयी। मान्यता है की भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते है।